राजधानी लखनऊ के खदरा के साथ ही मछ लीमोहाल और घंटाघर के पास के क्षेत्र में सीवेज में कोरोना वायरस मिले हैं। डॉक्टर्स का अनुमान है कि यहां पर रहने वाले संक्रमितों के स्टूल से कोरोना वायरस सीवेज में पहुंच गया है।
लखनऊ, बॉालीवुड मुम्बई के बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी पानी में कोरोना वायरस मिलने से खलबली मच गई है। संजय गांधी पीजीआई के डॉक्टर्स अब इसके अध्ययन में लगे हैं कि यह कितना खतरनाक हो सकता है।
राजधानी लखनऊ के खदरा के साथ ही मछलीमोहाल और घंटाघर के पास के क्षेत्र में सीवेज में कोरोना वायरस मिले हैं। डॉक्टर्स का अनुमान है कि यहां पर रहने वाले संक्रमितों के स्टूल से कोरोना वायरस सीवेज में पहुंच गया है। सीवेज के पानी से कोरोना वायरस संक्रमण बढऩे के प्रश्न पर डॉक्टर्स ने कहा कि पानी से संक्रमण फैलेगा या नहीं, यह तो अब रिसर्च का विषय है।
लखनऊ में संजय गांधी पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. उज्ज्वला घोषाल के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर के बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च(ICMR) व वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने रिसर्च स्टडी शुरू की है। इसमें अलग-अलग शहरों से पानी में कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए सीवेज सैंपल जुटाए जा रहे हैं।
संक्रमित के स्टूल से सीवेज में कोरोना वायरस: लखनऊ के साथ ही मुंबई के सीवेज में भी कोरोना वायरस पाया गया है। अभी देश के अन्य शहरों में अध्ययन जारी है। डॉ. घोषाल ने बताया कि सीवेज के पानी में कोरोना वायरस का पाया जाना संक्रमित के स्टूल से हो सकता है। कोरोना संक्रमित तमाम मरीज होम आइसोलेशन में हैं। ऐसे में उनका मल (स्टूल) सीवेज में आ जाता है। कई देशों में हुए अध्ययनों में पाया गया है कि 50 प्रतिशत संक्रमितों के स्टूल में भी वायरस पहुंच जाता है। ऐसे में सीवेज में वायरस मिलने के पीछे का कारण संक्रमित का स्टूल हो सकता है।
इसी क्रम में लखनऊ के तीन जगहों से लिए गए सैंपल में कोरोना वायरस मिला है। डॉ. उज्ज्वला ने बताया कि देश में सीवेज सैंपल टेस्टिंग के लिए आठ सेंटर बनाए गए हैं। इनमें से एक सेंटर लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में भी है। सीवेज के पानी की टेस्टिंग के लिए लखनऊ के ही तीन जगह से सीवेज सैंपल लिए गए। इनमें से एक जगह के सैंपल में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। लखनऊ में जिन तीन साइट से सीवेज सैंपल लिए गए हैं। उनमें वह स्थान हैं, जहां पर पूरे मोहल्ले का सीवेज एक जगह पर गिरता है। इनमें पहला तो खदरा क्षेत्र का रूकपुर, दूसरा चौक का घंटाघर और तीसरा सदर का मछली मोहाल का है। लैब में हुई जांच में रूकपुर खदरा के सीवेज के पानी में वायरस पाया गया है। सीवेज सैंपल में 19 मई को वायरस की पुष्टि होने के बाद इसकी रिपोर्ट बनाई गई है, जिसे अब आइसीएमआर को भेज दिया गया है, जो इसे सरकार से साझा करेगी।