लखनऊ में हर्षा हॉस्पिटल के मालिक समेत चार गिरफ्तार, रेमडेसिविर की कर रहे थे कालाबाजारी,

इंस्पेक्टर ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों से शहजाद और उसके स्टाफ के लोग कहते थे कि यह इंजेक्शन लगना बहुत जरूरी है। मार्केट में इंजेक्शन है नहीं तुम लाओगे तो नकली हो सकता है। हम सीधे कंपनी से मंगवाएंगे पर महंगा होगा।

 

लखनऊ,  राजधानी में कोरोना से संबंधित इंजेक्शन रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जोरों पर है। गोमतीनगर पुलिस ने शुक्रवार को सीतापुर रोड स्थित हर्षा हॉस्पिटल के मालिक शहजाद अली और दवा कंपनी के एमआर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 54 इंजेक्शन और 51400 बरामद किए हैं। इंस्पेक्टर गोमतीनगर केशव कुमार तिवारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में हर्षा हॉस्पिटल का संचालक शहजाद अली, दुबग्गा निवासी सचिन रस्तोगी, फरीदीपुर निवासी कृष्णा दीक्षित और बर्फखाना का रितेश गौतम है।

बहुत जरूरी है लगवाना यह इंजेक्शन कहकर तीमारदारों पर बनाता था दबाव : इंस्पेक्टर ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों से शहजाद और उसके स्टाफ के लोग कहते थे कि यह इंजेक्शन लगना बहुत जरूरी है। मार्केट में इंजेक्शन है नहीं तुम लाओगे तो नकली हो सकता है। हम सीधे कंपनी से मंगवाएंगे पर महंगा होगा। तीमारदारों को गुमराह करके शहजाद उन्हें इंजेक्शन लगवाता था और 20 हजार रुपये प्रति इंजेक्शन के हिसाब से वसूल था।

छह हजार रुपये में देता था एमआर : इंस्पेक्टर ने बताया कि दवा कंपनी का एमआर कृष्णा दीक्षित रेमडेसिविर इंजेक्शन छह हजार रुपये में रितेश गौतम और सचिन रस्तोगी को देता था। इसके बाद यह लोग इंजेक्शन शहजाद को 10500 रुपये में बेचता था। शहजात मरीजों से 20 से 25 हजार रुपये वसूलता था। इंस्पेक्टर ने बताया कि गिरोह के अन्य लोगों की तलाश में दबिश दी जा रही है।

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