उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में दर्ज मुकदमों की विवेचना के लिए डीजीपी मुकुल गोयल ने डीआइजी उपेन्द्र अग्रवाल के नेतृत्व में नौ सदस्यीय पर्यवेक्षक समिति गठित की है। मामले में सरकार ने एकल सदस्यीय जांच आयोग भी गठित किया है।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा का सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद शासन ने अपनी सक्रियता और बढ़ा दी है। शासन ने गुरुवार सुबह प्रकरण की न्यायिक जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग गठित किया तो देर शाम डीजीपी मुकुल गोयल ने खीरी के तिकुनिया थाने में दर्ज दो मुकदमों की विवेचना के लिए पर्यवेक्षण समिति का विस्तार कर दिया। निष्पक्ष और पारदर्शी विवेचना के लिए पर्यवेक्षण समिति में दो आइपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है। अब डीआइजी उपेंद्र अग्रवाल की अगुवाई में नौ सदस्यीय पर्यवेक्षण समिति दोनों मुकदमों की विवेचना करेगी।
डीजीपी मुख्यालय में तैनात डीआइजी उपेंद्र अग्रवाल को पर्यवेक्षण समिति का अध्यक्ष औप 10वीं वाहिनी पीएसी बाराबंकी के सेनानायक सुनील कुमार सिंह को वरिष्ठ सदस्य नियुक्त किया गया है। इसके अलावा एएसपी खीरी अरुण कुमार सिंह, सीओ मितौली संदीप सिंह, सीओ गोला संजय नाथ तिवारी, निरीक्षक अपराध शाखा खीरी विद्याराम दिवाकर, प्रभारी निरीक्षक खीरी सियाराम वर्मा, प्रभारी जनशिकायत प्रकोष्ठ खीरी धर्मप्रकाश शुक्ल सदस्य व खीरी की स्वाट टीम प्रभारी उपनिरीक्षक शिव कुमार तकनीकी सहायक होंगे। उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व एएसपी खीरी अरुण कुमार सिंह की अगुवाई में सात सदस्यीय पर्यवेक्षण समिति गठित की गई थी, जिसके सभी सदस्य पुनगर्ठित पर्यवेक्षण समिति में शामिल हैं।
यूपी की सीमाओं पर बढ़ाई गई सतर्कता : लखीमपुर खीरी कांड के बाद उत्तर प्रदेश की सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। एडीजी कानून-व्यवस्था का कहना है कि अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने के साथ ही चेकिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर लखीमपुर खीरी और उसके आसपास के जिलों की ओर जाने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है।