मुख्य वन संरक्षक व दुधवा के फील्ड निदेशक बताया कि कल्पना व रोहिणी ने अलग अलग दिनों में बच्चों को जन्म दिया है। दोनों बच्चे स्वस्थ हैं। उनकी माॅनीटरिंग कराई जा रही है। गैंडा फेज-2 में लगे कर्मचारियों को बेहद सतर्क रहने को कहा गया है।
लखीमपुर, दुधवा टाइगर रिजर्व के गैंडा फेज-2 से दोहरी खुशी सामने आई है। कुछ दिनों के अंतराल पर फेज-2 की दो मादा गेंडों ने एक एक बच्चे को जन्म दिया है। दोनों बच्चे सुरक्षित हैं और उनकी माॅनीटरिंग की जा रही है। दुधवा टाइगर रिजर्व के गेंडों को आनुवांशिक बीमारी से बचाने के लिए बेलराया रेंज के भादीताल क्षेत्र में गैंडा फेज-2 परियोजना की शुरुआत की गई थी।
करीब तीन साल पहले शुरू की गई परियोजना का लाभ अब दिखने लगा है। कुछ माह पहले फेज-2 की एक मादा गेंडे ने एक बच्चे को जन्म दिया था। वह बच्चा करीब दो माह तक जिंदा रहा था लेकिन, बाद में उसे बाघ ने अपना शिकार बना लिया था। इससे गैंडा फेज-2 को बड़ा तगड़ा झटका लगा था लेकिन, पार्क अब इन झटकों से उबर गया है। गैंडा फेज-2 से एक साथ दोहरी खुशी मिली है। फेज-2 की मादा गैंडा कल्पना व रोहिणी ने कुछ दिनों के अंतराल पर एक एक बच्चे को जन्म दिया है। इस तरह से फेज-2 में गेंडों की संख्या बढ़कर छह हो गई है और पार्क में अब 44 गेंडे हो गए हैं।
गैंडा फेज-1 में 38 व फेज-2 में छह गेंडे हो गए हैैं। गैंडा फेज-2 में एक साथ दो बच्चों के जन्म से पार्क के अधिकारी व कर्मचारी काफी खुश हैैं। मुख्य वन संरक्षक व दुधवा के फील्ड निदेशक संजय पाठक ने बताया कि कल्पना व रोहिणी ने अलग अलग दिनों में बच्चों को जन्म दिया है। दोनों बच्चे स्वस्थ हैं उनकी माॅनीटरिंग कराई जा रही है। गैंडा फेज-2 में लगे कर्मचारियों को बेहद सतर्क रहने को कहा गया है जिससे कोई हादसा न हो सके। उन्होने कहा कि इन दो बच्चों के जन्म से बांके की संतति से अलग अब दुधवा में गेंडों की एक नई पीढ़ी की बंशवेल बढऩी शुरु हो गई है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस संबंध में पार्क के उपनिदेशक मनोज सोनकर ने बताया कि दोनों बच्चों में कुछ दिनों का अंतराल है पर दोनों ही नवजात हैं। अभी दूर से ही उनकी माॅनीटरिंग की जा रही है। दोनों बच्चों में कौन पुलिंग या स्त्रीलिंग है यह अभी पता नहीं चल पाया है