लखीमपुर खीरी में 1500 हेक्टेयर खेतों में तैयार खड़ी फसल बारिश व बाढ़ में डूब गईं हैं। एक करोड़ से अधिक रुपये की फसलों के नुकसान होने का अनुमान जताया जा रहा है। बाढ़ से करीब 151 गांव जलमग्न हो गए हैं।
लखीमपुर, आवाज़ ~ ए ~ लखनऊ । बाढ़ से करीब 1500 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि प्रभावित है। राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में एक करोड़ से अधिक रुपये की फसलों के नुकसान का अनुमान है। बाढ़ से करीब 151 गांव जलमग्न हैं। उधर राहत और इमदाद के नाम पर जिला प्रशासन अभी तक मूकदर्शक ही बना हुआ है। उसका कहना है कि जब तक बरसात नहीं रुकती और सर्वे का काम पूरा नहीं होता तब तक यह बता पाना मुश्किल है कि कितना नुकसान हुआ है और किसको कितना मुआवजा दिया जाएगा। ऐसे में किसानों के सामने अब दो वक्त के खाने के भी लाले पड़ने लगे हैं क्योंकि घर में रखा खाने पीने का सामान भी अब खत्म हो चुका है और बाहर निकल कर उसे लाना किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
पलियाकलांशारदा नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 60 सेमी ऊपर है। बनबसा बैराज से रविवार शाम 180000 क्यूसेक पानी का रिलीज था जो सोमवार को सुबह नौ बजे घटकर 136000 क्यूसेक रह गया है, हालांकि तटवर्ती गांवों में हालात ठीक नहीं है। गांवों में पानी भर गया है। धान व गन्ने के खेतों में पानी भर गया है। पशुओं के लिए चारे की समस्या पैदा हो गई है।
नकहासुंडा पटेहरा, लोनपुरवा, सरेली, चहमलपुर, संकरपुर, भनवापुर, बैसैगापुर बैबहा, कोरैया, महोला, परशा। इन सभी गांवों में बाढ़ का कहर है।
अलीगंजबरसात के चलते अलीगंज गांव के कई मुहल्लों में पानी भर गया है। जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण ग्रामीण परेशान हैं।
बिजुआशारदा नदी के तटीय इलाकों में बसे गांवों में फिलहाल लगातार बरसात के चलते और शारदा में छोड़े जा रहे पानी से ग्रामीणों में भय का माहौल है। घरों में पानी भरा है, पेट भरने के लिए भोजन बनाने, बीमारों के लिए दवा इत्यादि लाने और पशुओं के चारे जैसी समस्याएं मुख्यता घेरे हुए हैं।