लश्करगाह में लड़ाई तेज, अफगान सेना ने मारे 303 तालिबान आतंकी, नागरिकों की हत्या और पलायन से यूएन चिंतित,

अफगानिस्तान में प्रांतीय राजधानियों पर कब्जे के लिए चल रही लड़ाई के दौरान लश्करगाह में खून-खराबा बढ़ गया है। मौजूदा स्थिति में 17 प्रांतों की राजधानी खतरे में हैं। इधर अफगान सरकार ने दावा किया है कि उसने 24 घंटे में 303 तालिबान आतंकियों को ढेर कर दिया है।

 

काबुल, एजेंसियां। अफगानिस्तान में प्रांतीय राजधानियों पर कब्जे के लिए चल रही लड़ाई के दौरान लश्करगाह में खून-खराबा बढ़ गया है। मौजूदा स्थिति में 17 प्रांतों की राजधानी खतरे में हैं। इधर अफगान सरकार ने दावा किया है कि उसने 24 घंटे में 303 तालिबान आतंकियों को ढेर कर दिया है। हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह में आठ दिन से लगातार युद्ध चल रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक अफगान सेना को यहां कब्जा बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत लगानी पड़ रही है।

लश्करगाह में भीषण लड़ाई 

प्रांतीय परिषद के प्रमुख अताउल्लाह अफगान ने टोलो न्यूज को बताया कि लश्करगाह के पीडी 1 में पुलिस मुख्यालय, गवर्नर कार्यालय और जेल के पास तालिबान आतंकियों से अफगान सेना का आमने-सामने युद्ध चल रहा है। इसका नागरिक भी शिकार हो रहे हैं। अब तक यहां 40 से ज्यादा नागरिकों की हत्या कर दी गई है, सौ से ज्यादा घायल हुए हैं। अफगान सेना ने अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखने के लिए हवाई हमले भी किए हैं। यहां 75 से ज्यादा आतंकी मारे जाने का दावा किया गया है।

मार गिराए गए 303 आतंकी

अफगान रक्षा मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान जमीन पर चल रही लड़ाई के साथ सेना ने हवाई हमले भी किए हैं। इसमें 303 आतंकियों को मार दिया गया। 125 आतंकी घायल हुए हैं। आतंकियों के मरने का यह आंकड़ा सभी प्रांतों का है। मंत्रालय ने हवाई हमले के दो वीडियो भी साझा किए हैं।

यूएन ने जताई चिंता 

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने लश्करगाह में चल रहे युद्ध पर चिंता व्यक्त की है। गुतेरस ने कहा है कि यहां नागरिकों की हत्या हो रही है। महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि हजारों लोग युद्ध में फंसे हुए हैं। अमेरिका ने भी लश्करगाह को लेकर चिंता जताई है।

50 तालिबान आतंकियों ने समर्पण किया

समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार जौजान प्रांत में युद्ध के दौरान पचास आतंकियों ने अफगान सेना के सामने समर्पण कर दिया। यह घटना ख्वाजा दोकोह जिले की है। रक्षा मंत्रालय के उप प्रवक्ता फवाद अमान ने इसकी पुष्टि की है।

प्रख्यात कवि अब्दुल्लाह अतीफी की तालिबान ने की हत्या

एएनआइ के अनुसार तालिबान आतंकियों ने उरुजगन प्रांत के चोरा जिले में प्रख्यात कवि और इतिहासकार अब्दुल्लाह अतीफी की हत्या कर दी है। उनकी हत्या घर के सामने ही की गई है।

तालिबान बोला- अफगान अधिकारियों को निशाना बनाते रहेंगे

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार काबुल में कार्यवाहक रक्षा मंत्री को निशाना बनाकर किए गए कार बम विस्फोट और फायरिंग के बाद तालिबान ने कहा है कि वह ऐसे हमले करता रहेगा। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट कर कहा कि यह आत्मघाती हमला तो शुरूआत है। तालिबान अफगानिस्तान सरकार के हर बड़े नेता को निशाना बनाएगा।

कार्यवाहक रक्षा मंत्री के आवास के पास हमला

ज्ञात हो कि एक दिन पहले अफगान सरकार के कार्यवाहक रक्षा मंत्री बिसमिल्लाह मोहम्मदी के आवास के पास ही कार बम विस्फोट किया गया था। यहां तालिबान के चार आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। बाद में चारों आतंकी मार गिराए गए। आइएएनएस के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कार्यवाहक रक्षा मंत्री के आवास के पास हुई आतंकी कार्रवाई की निंदा की है।

ईरानी राष्ट्रपति के कार्यक्रम में शामिल होंगे अशरफ गनी

एएनआइ के अनुसार अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ईरान के निर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के कार्यभार ग्रहण करने के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में 73 देशों के सौ से अधिक अतिथि मौजूद रहेंगे। रईसी 18 जून को हुए राष्ट्रपति चुनाव में 62 फीसद मतों के साथ विजयी हुए थे।

पाक अफगान शरणार्थियों के लिए अपनी सीमा खोले : अमेरिका

एएनआइ के अनुसार, अमेरिका ने कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान की हिंसा बढ़ने से पाकिस्तान की सीमा पर शरणार्थियों की संख्या बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान को इन शरणार्थियों के लिए सीमा खोल देनी चाहिए। ज्ञात हो कि पाकिस्तान ने पहले ही कह दिया है कि वह शरणार्थियों के लिए अपनी सीमा नहीं खोलेगा।

बुर्का न पहनने पर 21 साल की लड़की की गोली मारकर हत्या

एएनआइ के अनुसार अफगानिस्तान में तालिबान के अत्याचारी फरमान शुरू हो गए हैं। तालिबान ने बल्ख जिले में एक कार से 21 साल की लड़की नाजनीन को बाहर खींच लिया और उसकी सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी। नाजनीन का जुर्म इतना था कि वह बुर्का नहीं पहने हुए थी। जिलों पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने 1996 से 2001 के शासन में लागू अपने पुराने कानून फिर लागू कर दिए हैं। यहां महिलाओं को अकेले और बिना बुर्का के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी है। पुरुषों को दाढ़ी रखना जरूरी कर दिया है। कोई महिला अपने घर के पुरुष के बिना बाहर नहीं निकल सकती है। दुकानों पर महिलाओं के बैठने पर भी रोक लगा दी गई है।

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