UP Politics वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी अब भाजपा की टिफिन बैठकों का मुकाबला गांव में चौपाल लगाकर करेगी। इसके लिए जनाधार वाले नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में चौपाल लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें भाजपा सरकार की विफलताओं व समाजवादी सरकार के समय की उपलब्धियों को गिनाया जाएगा। जातीय जनगणना के पक्ष में भी सपा माहौल तैयार करेगी।
लखनऊ: वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी अब भाजपा की टिफिन बैठकों का मुकाबला गांव में चौपाल लगाकर करेगी। इसके लिए जनाधार वाले नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में चौपाल लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें भाजपा सरकार की विफलताओं व समाजवादी सरकार के समय की उपलब्धियों को गिनाया जाएगा। जातीय जनगणना के पक्ष में भी सपा माहौल तैयार करेगी। चौपाल में इसके फायदे बताए जाएंगे।
गांवों में चौपाल लगाएगी सपा
भाजपा टिफिन बैठक के जरिए मोदी सरकार की उपलब्धियां गिना रही है। अब सपा टिफिन बैठक की काट गांव में चौपाल लगाकर करेगी। लोकसभा चुनाव के लिए विशेषकर किसानों की समस्या, बेरोजगारी, जातीय जनगणना, बढ़ती महंगाई, कानून व्यवस्था, आम आदमी के उत्पीड़न के मुद्दों को लेकर सपा अपनी रणनीति को धार देने में लगी हुई है सपा शिक्षा व स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी भाजपा को घेरेगी। इन मुद्दों को पार्टी गांव में चौपाल लगाकर आम जनता को बताएगी। सपा यह मानती है कि उसका असली आधार गांव में ही है, इसलिए वह गांव में चौपाल लगाकर इसे और मजबूत करेगी।
जातीय जनगणना के मुद्दे को हवा देगी सपा
चौपाल में किसानों, नौजवानों, महिलाओं की समस्याओं को सपा नेता न सिर्फ सुनेंगे बल्कि उसे सपा मुखिया तक भी पहुंचाएंगे। सपा अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी इनमें से प्रमुख मुद्दों व समस्याओं को शामिल करेगी। सपा मुस्लिम व यादव समीकरण साधने के साथ ही अति पिछड़ों व दलितों को लामबंद करने की कोशिश कर रही है। सपा चौपाल के जरिए अति पिछड़ों को अपने पक्ष में करने के लिए जातीय जनगणना के मुद्दे को और हवा देगी।