वायरल बुखार से घर-घर में लोग बीमार, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

पिछले कई दिनों से हुई बरसात के अब उमस भरी गर्मी ने कई बीमारियों को जन्म दे दिया है। इनमें सबसे बड़ी बीमारी बनकर उभरा है वायरल। शहर से गांवों तक वायरल बुखार का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। लगभग हर घर में एक सदस्य चारपाई पर तेज बुखार से तप रहा है। चिकन पाक्स भी जिले में पड़े पैमाने पर फैल रहा है।

 

लखीमपुर। पिछले कई दिनों से हुई बरसात के अब उमस भरी गर्मी ने कई बीमारियों को जन्म दे दिया है। इनमें सबसे बड़ी बीमारी बनकर उभरा है वायरल। शहर से गांवों तक वायरल बुखार का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। लगभग हर घर में एक सदस्य चारपाई पर तेज बुखार से तप रहा है। चिकन पाक्स भी जिले में पड़े पैमाने पर फैल रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग चिकन पाक्स को लेकर अनजान है।

शहर के मोहल्ला शाहपुरा कोठी की बात करें तो इसी मोहल्ले में पिछले एक माह में 10 से अधिक चिकन पाक्स के मरीज निकले हैं। अस्पतालों की ओपीडी अन्य दिनों के मुकाबले कई गुना तक बढ़ गई है। जिला अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज इलाज करवाने आ रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। चिकित्सक बीमारियों से बचाव की सलाह दे रहे हैं।

शुक्रवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में करीब 2000 मरीज चिकित्सकों को दिखाने के लिए पहुंचे। पर्चा काउंटर पर सुबह नौ बजे से ही लंबी कतारें लगी हुई थीं। ओपीडी कक्षों के बाहर भी मरीजों की अच्छी खासी भीड़ नजर आई। सबसे ज्यादा छोटे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को वायरल बुखार अपनी चपेट में ले रहा है। यही नहीं जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने से बेड कम पड़ गए हैं। जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

मेडिकल फीमेल में 32 बेड है सभी पर मरीज भर्ती है। इसमें 15 मरीज पैराक्सिया के हैं। जिरियाट्रिक वार्ड में 20 बेड है इनमे 18 पैराक्सिया के मरीज भर्ती है।चिल्ड्रेन वार्ड में 10 बच्चे भर्ती हैं, जिसमें 9 मरीज पैराक्सिया के बताए जाते हैं।डेंगू वार्ड में मरीज न होने के कारण 20 बेड का वार्ड बंद पड़ा है।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा आई के रामचंदानी ने बताया कि इस समय वायरल फीवर व मलेरिया तेजी से लोगों को गिरफ्त में ले रहा है। इसके चलते मरीजों को जांच की अधिक ही जरूरत पड़ रही है। शनिवार को जिला अस्पताल में जांच के सभी रिकार्ड टूट गए। दिनभर पैथालाजी में मरीजों की लाइनें लगी रहीं। बुखार के मरीजों की प्लेटलेट्स भी काफी तेजी से डाउन हो रही है।

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