वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, 5189 करोड़ की 28 परियोजनाओं की दी सौगात,

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी सोमवार दोपहर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को पांच हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की सौगात देने पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री के हाथों अब 30 नहीं 5189 करोड़ की लागत से निर्मित 28 परियोजनाएं ही लोकार्पित हुईं।

 

वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज सोमवार की दोपहर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को पांच हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की सौगात देने दोपहर एक बजे पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री के हाथों 5189 करोड़ की लागत से निर्मित 28 परियोजनाएं लोकार्पित हुईं। प्रधानमंत्री ने रिंग रोड फेज दो, दो सेतु व पार्किंग के साथ 28 परियोजनाएं दोपहर 1:55 बजे लोकार्पित कीं। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी दोपहर एक बजे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मेहदीगंज में जनसभा को भी संबांधित करने पहुंचे और योजनाएं जनता को लो‍कार्पित कीं।

 

बोले प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जनता को दोपहर दो बजे से संबोधित करना शुरू किया तो हर-हर महादेव का उद्घोष कर हुए काशी से अपने संबंधों को जोड़ा। कहा कि, आप लोग इजाजत दें तो बोलना शुरू करुं! हर हर महादेव, बाबा विश्‍वनाथ, माता अन्‍नपूर्णा की नगरी काशी की पुण्‍य भूमि के भाई और भगिनी लोगन के प्रणाम। दीवाली, देव दीपावली, अन्‍नकूट, भैया दूज, प्रकाशोत्‍सव, डाला छठ की आप सभी को शुभकामना।

 

देश के कोने- कोने से जुडे हेल्‍थ प्रोफेशनल, मेडिकल संस्‍थान के लोगों और सभी का आभार। कोरोना की लड़ाई में देश ने 100 करोड़ के पड़ाव को पूरा किया है। बाबा विश्‍वनाथ के आशीर्वाद और गंगा के अविरल प्रताप और काशी के अखंड विश्‍वास से सबको मुफ्त वैक्‍सीन आगे बढ़ रहा है। आप सभी का आदरपूर्वक वंदन। आज ही यूपी को नौ नए मेडिकल कालेज देने का अवसर मिला है। इससे पूर्वांचल और पूरे यूपी के करोड़ों समाज के वर्गों को फायदा होगा। दूसरे शहरों के बड़े अस्‍पतालों के लिए भागदौड़ कम होगी। मानस में सोरठा का उदाहरण दिया। काशी में शिव शक्ति साक्षात निवास करते हैं। ज्ञान काशी को कष्‍ट और क्‍लेश से मुक्‍त करती है तो स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी योजना के लिए काशी से बेहतर जगह और क्‍या हो सकती है। आज इस मंच पर दो बड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। एक भारत सरकार का भारत के लिए 64 हजार करोड़ से अधिक का काम काशी से लांच हो रहा है। दूसरा काशी और पूर्वांचल के कार्यक्रम। पहले और यहां के कार्यक्रम को मिला दें तो 75 हजार करोड़ का कार्यक्रम जारी किया गया है। काशी की योजनाओं में महादेव का अशीर्वाद है। जहां महादेव का आशीष है वहां सफलता ही सफलता है। महादेव की वजह से कष्‍टों से मुक्ति तय है। यूपी सहित देश के हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को ताकत देने, महामारी से बचाव के लिए तैयारी उच्‍च स्‍तर तक हो। हमारे हेल्‍थ सिस्‍टम में आत्‍मविश्‍वास और आत्‍मनिर्भरता आए इसके लिए 64 हजार करोड़ से आयुष्‍मान भारत हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍टर मिशन शुरू करने का मौका मिला है। पांच हजार करोड़ की परियोजना का लोकार्पण किया गया है। सड़क से घाट, गंगा, वरुणा की साफ सफाई, पुल पार्किंग, बीएचयू की परियोजना त्‍योहारों के मौसम में जीवन को सुगम बनाने के लिए काशी के विकास पर्व को देश को ऊर्जा और विश्‍वास देने वाला है। काशी सहित आज मैं काशी की धरती से देश के 130 करोड़ जनता को बधाई देता हूं।

 

शरीर को स्‍वस्‍थ करने का निवेश सबसे उत्‍तम माना गया है। आजादी के बाद आरोग्‍य और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा पर ध्‍यान नहीं दिया गया जितनी जरूरत थी। जिनकी लंबे समय तक सरकार रही उन्‍होंने हेल्‍थ सेक्‍टर को विकास की जगह सुविधाओं से वंचित रखा। गांव में अस्‍पताल नहीं, ब्‍लाक में टेस्‍ट की सुविधा नहीं था। जिला अस्‍पताल में गंभीर बीमारी का इलाज नहीं था। बड़े अस्‍पताल में लंबा इंतजार होता था। मरीज और परिवार परेशान रहता था। जिंदगी जूझने में चली जाती थी। कई बार गरीब पर आर्थिक बोझ अलग था। हेल्‍थ केयर सिस्‍टम में कमी की वजह से गरीब और मिडल क्‍लास चिंतित रहता था। योजना इसी कमी के लिए दूर का समाधान है। महामारी से निबटने में हम तैयार हों सक्षम हों। इसके लिए हेल्‍थ सिस्‍टम को तैयार किया जा रहा है। बीमारी पकड़ में आए जांच में देरी न हो। लक्ष्‍य है कि गांव से ब्‍लाक जिला रीजनल और नेशनल तक क्रिटिकल हेल्‍थ केयर मजबूत हो। हमारे नार्थ ईस्‍ट के राज्‍य हैं, उनपर अब फोकस किया जा रहा है। इस स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के तीन प्रमुख पहलू हैं। डायग्‍नोस्टिक सिस्‍टम के तहत हेल्‍थ और वेलनेस सिस्‍टम के साथ बीमारी डिटेक्‍ट फ्री में किेया जाएगा। समय पर बीमारी पता चलेगी तो गंभीर होने की आशंका कम होगी। उसके इलाज के लिए 600 से अधिक जिलों के क्रिटिकल केयर के लिए बेड तैयार किए जाएंगे। सवा सौ जिलों में रेफरल की सेवा मरीजों को मिलेगी। ट्रेनिंग और कैपेसिटी बिल्डिंग और अस्‍पताल में सुविधा बढ़ेगी। सर्जरी से जुड़े नेटवर्क चौबीसों घंटे के लिए तैयार होंगे।

 

रोगों की जांच से जुड़ा टेस्टिंग नेटवर्क दूसरा बिंदु हैं। जरूरी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का विकास होगा। 730 जिलों में इं‍टीग्रेटेट सिस्‍टम डेवलप होगा। इस नेटवर्क को और सशक्‍त किया जाएगा। तीसरा पहलू रिसर्च संस्‍थानों को सशक्‍त बनाने का है। 80 बायो व रिसर्च लैब हैं इनको और बेहतर किया जाएगा। ऐसी 15 लैब को सक्रिय किया जाएगा। देश में चार नया वायरोलाजो लैब बनेगा, इसके अलावा एक राष्‍ट्रीय संस्‍थान भी लैब को समर्पित बनेगा। इसके माध्‍यम से देश के कोने कोने में इलाज से लेकर इको सिस्‍टम विकसित किया जाएगा। दशकों पहले यह होना था लेकिन हाल क्‍या है उसका वर्णन करने की जरूरत नहीं है। हम सात साल से बड़े स्‍तर पर काम कर रहे हैं। मैने दिल्‍ली में पूरे देश के लिए गति शक्ति बड़ा इंफ्रास्‍ट्रक्‍टर को लांच किया था और आज यह दूसरा बड़ा हेल्‍थ को लेकर मिशन लेकर काशी से निकल रहे हैं। इससे रोजगार का भी वातावरण बनता है। एक बड़ा अस्‍पताल बनता है तो आसपास पूरा शहर बस जाता है। इसलिए यह मिशन स्‍वास्‍थ्‍य के साथ आर्थिक मिशन भी है जो सभी के लिए सुलभ और सस्‍ता हो यानि होलिस्टिक मिशन भी है। अनेक अभियानों ने देश को बीमार होने से बचाया है। आयुष्‍मान भारत योजना ने गरीबों का मुफ्त इलाज कराया है। हमसे पहले वर्षों तक सरकार में रहे उनके लिए स्‍वास्‍थ्‍य सेवा घोटालों और पैसा कमाने का जरिया रहा है। आज सरकार गरीब दलित शोषित वंचित और पिछड़ों का दर्द समझती है। पहले जनता का पैसा घोटाले में जाता था आज बड़े प्रोजेक्‍ट में लग रहा है। आज महामारी से देश निपट रहा है और लाखों करोड़ का इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर शुरू किया गया है। स्‍टाफ की संख्‍या भी बढ़ेगी। नए मेडिकल कालेज से सीटों में इजाफा होने से गरीब भी चिकित्‍सा क्षेत्र में नौकरी कर सकेगा। देश में डाक्‍टर आगे दस गुना मिलने जा रहे हैं। अधिक डाक्‍टर होंगे तो उतनी ही उपलब्‍धता आसान होगी। अभाव से आगे बढ़कर काम किया जा रहा है। अतीत में देश में या यूपी में जो काम हुआ वैसे काम होता तो काशी की हालत क्‍या होती। काशी को अपने हाल पर छोड़ रखा था। लटकते तार, सडक घाट गंगा जाम प्रदूषण सब चलता रहता। काशी का हृदय मन वही है बस प्रयास ईमानादार है। काशी में जितना काम हुआ उतना कई दशकों में नहीं हुआ। रिंग रोड न होने से जाम होता था। नो इंट्री खुलने का इंतजार बनारस वालों की आदत हो गई थी। कहीं भी आना जाना हो ता शहर वालों को परेशान करने की जरूरत नहीं। रिंग रोड अब गाजीपुर तक जुड़ गई है। इससे जुड़ी सर्विस रोड़ भी है। इसकी वजह से प्रयागराज, लखनऊ, बिहार तक कारोबार को गति मिलेगी। देश में एक समर्पित इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर न हो तो विकास की गति सुस्‍त रहती है। अब एयरपोर्ट आने वालों को कालीन बनाने वालों को, विंध्‍याचल दर्शन करने वालों की सुविधा होगी। रेलवे स्‍टेशन पर बने लांज से सुविधा होगी। गंगा की स्‍वच्‍छता के लिए काम किया जा रहा है। आज हम अनुभव भी कर रहे हैं। घरों का गंदा पानी रोकने के लिए रामनगर में सीवज ट्रीटमेंट प्‍लांट काम कर रहा है। इससे 50 हजार आबादी को लाभ मिल रहा है। वरुणा के लिए भी काम हो रहा है। उपेक्षित वरुणा अस्तित्‍व खो रही थी। आज साफ पानी वरुणा में जा रहा है। दोनों किनारे पाथवे रेलिंग बन रहे हैं। काशी व पूर्वांचल के किसानों के लिए सुविधा विकसित हुई है। पैकेजिंग प्रोसेसिंग और पेरिशेबल कार्गो बना है। उससे किसानों को सुविधा मिलेगी। सीएनजी प्‍लांट से खाद भी किसानों को मिलेगी। काशी में बीएचयू का दुनिया में श्रेष्‍ठता तकनीक से हेल्‍थ तक सुविधा तैयार हो रही है। सुवा साथी पढ़ाई के लिए आ रहे हैं। आवासीय सुविधा तैयार हो रही है। मालवीय जी के विजन को साकार करने में मदद मिल रही है। विकास के सभी प्रोजेक्‍ट संकल्‍प को सिद्ध कर रहे हैं। मिट्टी के कारीगर और बुनकरों के लिए खादी व कुटीर उद्योग में 60 फीसद और बिक्री में 90 फीसद इजाफा हुआ है। इस दीवाली हमें इनका भी ध्‍यान रखना है। कपड़ों और दीयों के लिए वोकल फार लोकल के लिए रखना है। तो सबकी दीवाली खुशियों से भर जाएगी। उत्‍पादन जिसमें पसीना और मिट्टी की सुगंध है उसे खरीदेंगे तो गरीब को काम मिलेगा। बड़ा परिवर्तन हम ला सकते हैं। सभी त्‍योहारों की शुभकामनाएं।

बोले मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ : मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सभा को संबोधित करते हुए आयुष्‍मान भारत हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर मिशन सहित काशी की तमाम परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्‍यास के मौके पर पीएम का उनकी काशी में स्‍वागत किया। मुख्‍यमंत्री ने वाराणसी के विकास सहित देश और प्रदेश के विकास की रूपरेखा खींंचने वाले पीएम नरेन्‍द्र मोदी की पहल और सौगात को दीपावली के पूर्वइा आयोजन को बड़ा तोहफा बताया। बाबा विश्‍वनाथ की धरती और बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली काशी की धरती पर काशी और प्रदेश वासियों की ओर से पीएम का स्‍वागत किया।

 

कहा कि देश और दुनिया ने सात वर्षों में कोरोना को लेकर पीएम के प्रयास ने कीर्तिमान बनाए हैं। बदलते भारत और श्रेष्‍ठ भारत के स्‍वरूप को देश और दुनिया को परिचित कराने और कोरोना का सामना करने के प्रयासों को शानदार बताया। इस दौरान फ्री में राशन, 100 करोड़ टीकाकरण के कार्य के लिए पीएम का अभिनन्‍दन किया। कहा कि नए भारत के नए नए हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के साथ जुडने को सौभाग्‍य बताया। 64 हजार करोड़ की स्‍वास्‍थ्‍य परियोजना के लिए पीएम का आभार जताया।

 

पीएम के मार्गदर्शन में कोरोना का मामला यूपी में आया तो यूपी में 36 जनपद थे जहां आइसीयू नहीं था। कोविड जांच नहीं होती थी। उस समय पीएम के निर्देशन में पीएम केयर से जो मदद मिली उससे यूपी के 75 जिलों में आइसीयू बना। 60 लैब से कोविड जांच शुरू हुई। यूपी में हर दिन चार लाख कोविड टेस्‍ट संभव हुआ है। कोरोना के दूसरी लहर में भारत में कोरोना खतरा और तीसरी लहर में आक्‍सीजन प्‍लांट स्‍थापना को उपलब्धि बताया। कहा कि हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर भारत और यूपी के लिए अमृत के समान है। हमें स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को और मजबूत करने का मौका मिलेगा। कहा कि काशी के प्रति पीएम की आत्‍मीयता और धरोहर का संरक्षण करने के प्रयास से सभी अवगत हैं। काशी से जुड़ी परियोजनाओं को पीएम लोकार्पित कर रहे हैं जिससे व्‍यापक स्‍तर पर जीवन और बेहतर होगा। इसमें सभी परियोजनाएं महत्‍वपूर्ण हैं। इससे पूर्वी यूपी, पूर्वी भारत और बिहार के लोग भी लाभान्वित होंगे।

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बोले स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मांडविया : सबसे पहले केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मांडविया ने जनसभा को संबोधित किया। बताया कि देश में पीएम की पहल से स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। खेलो इंडिया, फ‍िट इंडिया, स्‍वच्‍छ भारत आदि के जरिए देश के हित में स्‍वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के तहत स्‍वास्‍थ्‍य परियोजनाओं के अलावा मेडिकल कालेज की संकल्‍पना की रूपरेखा भी पेश की। बीमारी के लिए खर्च को कम करने के लिए सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। बताया कि देश के 50 करोड़ लोगों के लिए आयुष्‍मान भारत योजना में लोगों को इलाज की सुविधा मिल रही है। देश में 22 नए एम्‍स बन रहे हैं, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के लिए आयुष्‍मान भारत हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर मिशन की शुरुआत कर रहे हैं। इसमें 64 हजार करोड़ रुपये के प्राविधान के तहत हर जिले को 90-100 करोड़ रुपये स्‍वास्‍थ्‍य के लिए मिल रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा रिमोट से दोपहर 1.30 बजे आयुष्‍मान भारत हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर मिशन की शुरुआत की गई तो इस मौके पर एक डाक्‍यूमेंट्री के जरिए स्‍वास्‍थ्‍य परियोजना का खाका भी पेश किया गया।

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सुबह से ही मेहदीगंज में सभा स्‍थल पर पार्टी कार्यकर्ताओं और दूसरे जिलों से आने वाले कार्यकर्ताओं से पंडाल भरने लगा। दोपहर 12 बजे तक समर्थकों से आयोजन स्‍थल पूरी तरह पट गया। डमरू दल, ढोल नगाड़ों और तरह तरह का स्‍वांग धरे समर्थक पंडाल क्षेत्र में प्रवेश किए तो उनके साथ सेल्‍फी लेने वालों की भी भीड़ नजर आने लगी। समर्थकों का जोश सातवें आसमान पर नजर आया। दोपहर करीब 12.45 बजे उनका विमान वाराणसी क्षेत्र में पहुंच गया। पीएम की जनसभा के मंच पर चंदौली के सांसद डा. महेंद्र नाथ पांडेय, पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी, अनिल राजभर और विधायक अवधेश सिंह मौजूद रहे।

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परियोजनाएं होंगी लोकार्पित

1 रिंग रोड फेज दो-पैकेज वन : कुल 1011.29 करोड की लागत से रखौना राजातालाब से वाजिदपुर हरहुआ (लंबाई 16.98 किमी) तक निर्मित मार्ग।

2- वाराणसी-गोरखपुर एनएच 29 पैकेज दो : कुल 3509.14 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित वाराणसी से विरनो गाजीपुर तक कुल 72.15 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण।

3-कोनिया सेतु : कुल 26.21 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित कोनिया सलारपुर मार्ग के वरुणा नदी के कोनिया घाट पुल।

4- कालिकाधाम सेतु : 19.14 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित बाबतपुर-कपसेठीभदोही मार्ग पर स्थित वरुणा नदी के कालिकाधाम पुल।

5- सड़क चौड़ीकरण : कुल 18.66 करोड़ की लागत से वाराणसी छावनी से पड़ाव तक 6.015 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण कार्य।

6- सीवर लाइन : कुल 72.91 करोड़ की लागत से रामनगर में दस एमएलडी एसटीपी और इंटरसेप्टर सीवर लाइन कार्य।

7-नदी तट का विकास : कुल 201.65 करोड़ की लागत से वरुणा नदी के 9.8 किलोमीटर के चैनेलाइजेशन और नदी तट के विकास का कार्य।

8- संगम घाट का नवनिर्माण : कुल 10.66 करोड़ की लागत से पर्यटन की दृष्टि से गंगा-गोमती संगम स्थल कैथी में संगम घाट का निर्माण।

9- मारकंडेय महादेव घाट : कुल 5.14 करोड़ की लागत से कैथी में गंगा नदी के तट पर मारकंडेय महादेव घाट का नव निर्माण।

10- दशाश्वमेध घाट: कुल 10.78 करोड़ खर्च कर प्रसाद योजना फेज दो के तहत गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट तक पर्यटन विकास कार्य।

11- पांच गंगा घाटों का पुनरोद्धार : 2.02 करोड़ की लागत से गंगा नदी के पांच घाटों के पुनरोद्धार।

12- पर्यटन विकास कार्य : 1.60 करोड़ की लागत से शूलटंकेश्वर गंगा घाट पर पर्यटन विकास कार्य।

13- पर्यटन विकास कार्य : 2.74 करोड़ की लागत से प्रसाद योजना तहत राजघाट से मालवीय पुल तक पर्यटन विकास कार्य।

14-पार्किंग : सर्किट हाउस परिसर में 26.77 करोड़ की लागत से अंडर ग्राउंड पार्किंग का निर्माण।

15- पार्किंग : 23. 31 करोड़ की लागत से टाउनहाल में अंडर ग्राउंड पार्किंग व पार्क का विकास।

16- कुंड का विकास : 18.96 करोड़ की लागत से शहर के आठ कुंडों का सुंदरीकरण व संरक्षण का कार्य।

17- तालाब का विकास : 2.59 करोड़ की लागत से चकरा तालाब का सुंदरीकरण व संरक्षण का कार्य।

18- पदमविभूषण स्व. गिरजा देवी सांस्कृतिक संकुल चौकाघाट बहुउद्देशीय हाल का उन्नयन : खर्च हुआ 6.94 करोड़ रुपये।

19- बायो सीएनजी प्लांट : कुल 23 करोड़ की लागत से निर्मित वाराणसी शहंशाहपुर गोआश्रय केंद्र में बायो सीएनजी प्लांट।

20-नवीनीकरण : कुल 8.22 करोड़ खर्च कर लालबहादुर शास्त्री फल एवं सब्जी मंडी पहडिय़ा के नवीनीकरण का कार्य।

21- राजकीय पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्र आराजीलाइन का नवीनीकरण का कार्य। इस पर कुल 1.70 करोड़ खर्च हुआ है।

22- बीएचयू : 28.78 करोड़ की लागत से 200 डबल सिटिंग रूम गल्र्स हास्टल का निर्माण।

23- बीएचयू : 27.82 करोड़ की लागत से राजपूताना ग्राउंड में छात्र गतिविधि केंद्र

24- बीएचयू : 70.00 करोड़ की लागत से धनराजगिरी ब्वायज हास्टल ब्लाक का निर्माण कार्य

25- बीएचयू : 40.00 करोड़ की लागत से विवेकानंद छात्रावास के पीछे संकाय और अधिकारियों के लिए आवासीय अपार्टमेंट का निर्माण।

26- राजकीय विद्यालय : पंडित दीनदयाल राजकीय महाविद्यालय पलहीपट्टी हरहुआ में विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय भवन का निर्माण

27–औद्योगिक अस्थान चांदपुर में आंतरिक अवस्थापना विकास कार्य। कुल खर्च 10.85 करोड़ रुपये।

28 – रेलवे का एक्जीक्यूटिव लाउंज : कुल लागत डेढ़ करोड़।

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