डीजीसीए ने विमान यात्रा के दौरान मास्क को अनिवार्य कर दिया है। अब सिर्फ असाधारण स्थिति में ही मास्क हटाने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई की जाने की बात भी कही जा रही है।
नई दिल्ली, पीटीआई: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच नागरिक उड्डयन नियामक डीजीसीए का कहना है कि चेतावनी के बावजूद अगर विमान के अंदर कोई यात्री फेस मास्क पहनने से मना करे तो उसे विमान से उतार दीजिए।इसके साथ ही, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक सर्कुलर जारी करके कहा कि फेस मास्क नहीं पहनने वाले यात्रियों के खिलाफ स्थानीय पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों की मदद लेने और जुर्माना लगाने की व्यवस्था की गई है।
यह सर्कुलर दिल्ली हाई कोर्ट के विगत तीन जून के आदेश के आधार पर जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि एयरलाइंस और विमान के सभी कर्मचारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें फ्लाइट अटेंडेंट, एयर होस्टेस, कैप्टन या पायलट के साथ ही हवाई यात्रियों को भी मास्क लगाने के नियम का सख्ती से पालन करना होगा। अगर यात्रियों को अतिरिक्त मास्क की आवश्यकता है तो एयरलाइंस उन्हें मुहैया कराएंगी। विमान के उड़ान भरने से पहले बार-बार की चेतावनी के बावजूद मास्क नहीं पहनने वाले पुरुष या महिला यात्री को विमान से उतार दिया जाए। अगर यह स्थिति विमान के उड़ान भरने के बाद उत्पन्न हो तो उस यात्री के खिलाफ डीजीसीए के मानकों के अनुरूप ही कार्रवाई की जाए। डीजीसीए की नियमावली के मुताबिक एक एयरलाइंस को अधिकार है कि वह ऐसे यात्रियों को कुछ अवधि के लिए अपनी एयरलाइंस में सफर करने से प्रतिबंधित कर सकती हैं।
डीजीसीए ने सर्कुलर में कहा कि इसके अलावा, हवाईअड्डा संचालकों को स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की मदद लेनी चाहिए और फेस मास्क नहीं पहनने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए।
3 जून के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद डीजीसीए का यह सर्कुलर आया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि “डीजीसीए को ऐसे यात्रियों और अन्य लोगों के खिलाफ जो मास्किंग और स्वच्छता मानदंडों का उल्लंघन करते हैं, सख्त कदम उठाने के लिए हवाईअड्डों और विमान में तैनात सभी कर्मचारियों के लिए अलग-अलग बाध्यकारी निर्देश जारी करना चाहिए, जिसमें फ्लाइट अटेंडेंट, एयर होस्टेस, कप्तान / पायलट और अन्य शामिल हैं।”
अदालत ने कहा था कि नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए और लगातार चूक करने वालों को नो फ्लाई सूची में रखा जाना चाहिए।
बता दें कि देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ती नजर आ रही है। चौथी लहर की आशंका के बीच भारत में बीते 24 घंटे में कोरोना के पांच हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए। लगभग तीन महीने में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोरोना के मामलों ने पांच हजार का आंकड़ा पार किया।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार बुधवार को कुल 5,233 नए मामले मिले। मंगलवार की तुलना में कोरोना के मामलों में करीब 41 फीसद की बढ़ोतरी हुई। मंगलवार को कोरोना के 3,714 मामले सामने आए थे। मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान 7 लोगों की मौत भी हुई। कोरोना के एक्टिव मामले लगातार बढ़ रहे हैं। देश में कोरोना के सक्रिय मामले बढ़कर अब 28,857 हो गए हैं।