नियमित दिनचर्या एवं योग से रखे दिल का ख्याल : योग गुरु मंगेश त्रिवेदी
मनुष्य के शरीर मे हृदय बेहद महत्वपूर्ण अंग है मनुष्य की धन लौलुपता ने उसे स्वयं का दुश्मन बना दिया है।हृदय संबंधी समस्याएं जैसे उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप, हृदय शूल, हृदय की धड़कन का असामान्य होना, हृदय की वॉल्व संबंधी समस्याएं, हृदय की मांसपेशियों का कमजोर होना आदि आज बेतहाशा बढ़ रही हैं। ,हृदय शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त को पंप करता है। हृदय ऑक्सीजन से भरपूर रक्त धमनियों के जरिए प्राप्त करता है। यदि इन रक्त धमनियों में रूकावट आ जाती है तो हृदय की मांसपेशियों को रक्त प्राप्त नहीं होता एवं वे मर जाती है इसे हृदयाघात कहते हैं। योगाभ्यास को जीवन का अंग बनाकर हृदय को सारी बीमारियों से से बचाया जा सकता है।
हृदय को स्वस्थ रखने के उपाय
प्राणायाम से धमनियों पर दबाव कम हो जाता है। जिससे हृदय रोग की संभावना भी घट जाती है। हृदय रोगियों को प्राणायाम मध्यम व धीमी गति से ही करना चाहिए। कपालभाति एवं अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास हृदय रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद सिद्ध होता है। प्राणायाम नियमित रूप से 20 से 25 मिनट तक करने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। कपालभाति प्राणायाम से संपूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त होता है। हृदय रोगों के लिए बेहद लाभकारी प्राणायाम है। परंतु हृदय रोगी इसे धीमी और मध्यम गति से करें। यह ना केवल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है बल्कि धमनी के अवरोध को दूर करने में मददगार है। इसके अतिरिक्त अपान वायु मुद्रा हृदय रोग में बेहद लाभकारी है। अपान वायु मुद्रा को मृतसंजीवनी मुद्रा भी कहा जाता है। यह बहुत लाभकारी मुद्रा है। यह हृदय रोग और शुगर दोनों में कार्य करती है। यह मुद्रा ब्लॉकेज भी खोलती है। इसका अभ्यास 15 मिनट से लेकर 1 घंटे तक किया जा सकता है। अपान वायु मुद्रा करने के लिए दोनों हाथों को घुटने पर रखें फिर तर्जनी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे से छुएं तथा पहली और आखिरी उंगली को सीधा रखें। अपान वायु मुद्रा किसी भी समय किया जा सकता है।
योगासन
योगासन शरीर में प्राण की गति को बढ़ाता है। सूर्य नमस्कार को 10 से 12 बार अवश्य करें। यह एक कार्डियोवैस्कुलर अभ्यास है। इसके अलावा ये हार्ट के लिए बहुत ही लाभदायक है। त्रिकोणासन, उष्ट्रासन, सेतुबंधासन, नौकासन, गोमुखासन और भुजंगासन के नियमित अभ्यास से हार्ट अटैक से बचा जा सकता है। हृदय रोगियों की संख्या दिन पर बढ़ती ही जा रही है। आने वाले वर्षों में भारत में हृदय रोगियों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक हो जाएगी। हृदय को अच्छा रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने आहार पर ध्यान देना। साथ ही शारीरिक व्यायाम और पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है।
कितने समय तक करें प्राणायाम कपालभाति प्राणायाम करने हेतु सिर्फ़
20-20 राउंड के 5 सेट इससे ज़्यादा गर्मी के मौसम में नहीं करना है ।