पुलिस कंट्रोल रूम-112 मुख्यालय की छह सौ से अधिक आउटसोर्सिंग महिला कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि को लेकर सोमवार दोपहर काम बंद कर दिया। इससे तमाम जिलों की सेवाएं बाधित हो गईं। महिला कर्मचारी नारेबाजी करते हुए दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गई। महिला कर्मियों ने पुलिस पर धक्का-मुक्की और लाठी चार्ज की धमकी देने आरोप लगाया है।
लखनऊ । पुलिस कंट्रोल रूम-112 मुख्यालय की छह सौ से अधिक आउटसोर्सिंग महिला कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि को लेकर सोमवार दोपहर काम बंद कर दिया। इससे तमाम जिलों की सेवाएं बाधित हो गईं। महिला कर्मचारी नारेबाजी करते हुए दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गई। महिला कर्मियों ने पुलिस पर धक्का-मुक्की और लाठी चार्ज की धमकी देने आरोप लगाया है। आज सुबह सीएम आवास की ओर कूच करने के बाद महिला सिपाहियों को हटाया गया।
देर रात तक प्रदर्शन चलता रहा। इसके बाद पीएसी भी तैनात कर दी गई। पुलिस कंट्रोल रूम मुख्यालय 112 की सेवाओं को संचालित करने के लिए कुछ महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। आउटसोर्सिंग कर्मचारी हर्षिता कश्यप ने बताया कि सभी महिला कर्मी सात वर्ष से डायल-112 में 11 हजार रुपये वेतन में आउटसोर्सिंग पर नौकरी कर रही थी।
अधिकारियों द्वारा उनके वेतन में वृद्धि कर 18 हजार रुपये करने का दावा किया गया था। सालों बाद भी वेतन वृद्दि नहीं हुई। वेतन में वृद्धि की मांग की गई तो नौकरी से निकाले जाने की धमकी मिलने लगी। इससे आक्रोशित होकर वेतन वृद्दि की मांग को लेकर सभी धरने पर बैठी है। महिला कर्मियों ने बताया कि वह सात साल से टेक महिंद्रा कंपनी के माध्यम से 112 मुख्यालय का काम देख रही थीं। अब मुख्यालय ने वी-विन कंपनी को काम सौंप दिया है। वह सात साल से काम कर रही थीं जिसका मुख्यालय ने अबतक नियुक्तिपत्र नहीं दिया।
शौचालय तक का नहीं करने दे रहें इस्तेमाल, बंद कर दी लाइटें
घंटों से धरने पर बैठी तमाम महिला कर्मचारियों ने बताया कि यूपी-112 के पुलिस कर्मी उन्हें शौचालय तक का प्रयोग नहीं करने दे रहे हैं। बाहर लगी लाइटें भी बंद करा दी हैं। अंधेरे में महिलाएं बैठी हैं।
अधिकारी बोले बैठना है तो बैठो, कुछ नहीं होगा
एक अन्य महिला कर्मी पूजा सिंह ने बताया कि धरना खत्म करवाने एक बड़े अधिकारी पहुंचे। अधिकारी ने उनसे कहा कि धरने पर बैठना है तो बैठो। हमारे पास महिला पुलिसकर्मियों का बैकअप है, इसमें कुछ नहीं होगा। महिला कर्मी अंकिता ने बताया कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी। इसी तरह उनकी मांग जारी रहेगी।
किसी तरह की सेवाएं बाधित नहीं हुई है। नई कंपनी को काम दिया गया है। इससे जुड़ी अन्य समस्याओं के भी समाधान करवाया जा रहा है।
प्रशांत कुमार, स्पेशल डीजी कानून एवं व्यवस्था