शहर से बाहर निकाले जाएंगे 10 हजार बंदर, महापौर ने वन मंत्री को लिखा पत्र

नगर निगम के अधिकारी व महापौर ने मामले का संज्ञान लेते हुए अब 100 के बजाय दस हजार बंदरों को पकड़ने के लिए अनुमति लेने की बात कही है। वनमंत्री ने नगर निगम को अधिक से अधिक बंदरों को पकड़ने की अनुमति के लिए पत्र देने को कहा था।

 

बरेली । शहर में बंदरों के उत्पात बढ़ने की खबर जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो महापौर ने मामले का संज्ञान लिया है। बुधवार को उन्होंने वन मंत्री को 10 हजार बंदरों को पकड़ने की अनुमति देने के लिए पत्र लिखा। महापौर के पत्र लिखते ही अब नगर निगम बंदरों को पकड़ने के लिए फिर से टेंडर आमंत्रित करेगा।

नगर निगम के आलमगिरि गंज, बिहारीपुर, भूड़, डीडीपुरम समेत कई वार्डों में बंदरों के हमले बढ़ने की वजह से वजह से लोगों ने अपने घरों को लोहे की जाल से ढक लिया है। इसके बाद भी बाहर निकलने में लोग डर रहे हैं। बंदरों के उत्पात बढ़ने को जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो नगर निगम के अधिकारी व महापौर ने मामले का संज्ञान लेते हुए अब 100 के बजाय दस हजार बंदरों को पकड़ने के लिए अनुमति लेने की बात कही है। जागरण से बात करते हुए वनमंत्री ने नगर निगम को अधिक से अधिक बंदरों को पकड़ने की अनुमति के लिए पत्र देने को कहा था। जिसके बाद बुधवार को महापौर डा. उमेश गौतम ने वनमंत्री को पत्र लिख दस हजार बंदरों को पकड़ने की अनुमति मांगी है।

 

ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर निकलेगा नया टेंडर : नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अशोक कुमार ने बताया कि 100 बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा के मेसर्स जाबिद कांट्रैक्टर ने 135 रुपये में एक बंदर पकड़ने का टेंडर लिया था। लेकिन वह बंदरों को पकड़ने नहीं आया। अब उसकी सिक्योरिटी जब्त की जाएगी और शनिवार को नया टेंडर निकाला जाएगा।

 

लंंगूर के कटआउट से भाग रहे बंदर : सिविल लाइंस निवासी डा. अनूप आर्य के छत पर गमलों को तोड़ने के साथ कपड़ों को उठा ले जाते थे। डा. अनूप ने बताया कि तीन माह पहले प्लास्टिक के लंगूर का कटआउट छत पर लगवा देने से बंदरों का आना पूरी तरह बंद हो गया। लंगूर के डर की वजह से अब बंदर नहीं आते, जिससे बागवानी के साथ कपड़ों को खुले में सुखाने में दिक्कत नहीं होती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *