आर्यन बाकी आरोपियों के साथ फ़िलहाल मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल अब आर्यन के वकील ज़मानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्ज़ी लगाएंगे। शाह रुख़ ख़ान और पत्नी गौरी ख़ान के लिए निश्चित रूप से एक बड़ा झटका है।
नई दिल्ली, शाह रुख़ ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को आज (20 अक्टूबर) भी ज़मानत नहीं मिल सकी। मुंबई की सेशंस कोर्ट (विशेष एनडीपीएस कोर्ट) ने आर्यन ख़ान की ज़मानत याचिका खारिज कर दी। आर्यन के साथ अरबाज़ मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की ज़मानत याचिकाएं भी खारिज कर दी गयी हैं।
अब आर्यन के वकील ज़मानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्ज़ी लगाएंगे। शाह रुख़ ख़ान और पत्नी गौरी ख़ान के लिए निश्चित रूप से एक बड़ा झटका है। इस बीच कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ ने आर्यन और शाह रुख़ के प्रति अपना समर्थन जताया है। वहीं, शाह रुख़ ख़ान के फैंस भी सोशल मीडिया के ज़रिए आर्यन की रिहाई की लगातार मांग कर रहे हैं।
13 दिनों से आर्थर रोड जेल में बंद हैं आर्यन
आर्यन बाकी आरोपियों के साथ फ़िलहाल मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने क्रूज़ ड्रग्स केस में आर्यन को 3 अक्टूबर को गिरफ़्तार किया था। 20 अक्टूबर को आर्यन को गिरफ़्तार हुए 18 दिन हो चुके हैं, जिसमें से शुरुआत के पांच दिन आर्यन ने एनसीबी कस्टडी में गुज़ारे थे।
मजिस्ट्रेट कोर्ट से ज़मानत याचिका खारिज होने के बाद उन्हें बाकी आरोपियों के साथ एनसीबी दफ़्तर से मुंबई की आर्थर रोड जेल में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां आज (20 अक्टूबर) को 13 गुज़र चुके हैं। जेल में आर्यन को कोविड प्रोटोकॉल के तहत शुरुआत में क्वारंटाइन में रखा गया था। बाद में उन्हें कॉमन सेल में ट्रांसफर कर दिया गया। आर्यन की जेल में सुरक्षा में भी इजाफ़ा किया गया। जेल में आर्यन को कैदी N956 नम्बर से जाना जाता है। आर्यन की न्यायिक हिरासत 21 अक्टूबर को ख़त्म हो रही है।
जानें केस में अब तक क्या-क्या हुआ
2 अक्टूबर की रात को एनसीबी ने मुंबई से गोवा जा रहे एक लग्जरी क्रूज़ शिप पर छापा मारा था। प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन की आशंका में यह छापा एक टिप के आधार पर मारा गया था। एनसीबी ने छापामारी के बाद आर्यन ख़ान, अरबाज़ मर्चेंट, मुनमुन धमेचा, विक्रांत छोकर, नूपुर सारिका, इसमीत सिंह, मोहक जायसवाल और गोमित चोपड़ा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।
3 अक्टूबर को उन सभी को कई घंटों की पूछताछ के बाद एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं में गिरफ़्तार करके कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से एक दिन की कस्टडी में भेज दिया गया।
4 अक्टूबर को रिमांड की अवधि समाप्त होने पर एनसीबी ने इन्हें कोर्ट में पेश करके कस्टडी बढ़ाने का अनुरोध किया, जिस पर कोर्ट ने कस्टडी की अवधि तीन दिन और बढ़ा दी।
6 अक्टूबर को राकांपा प्रवक्ता एवं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एनसीबी की टीम में दो बाहरी व्यक्तियों की मौजूदगी पर सवाल खड़े किए हैं। जबकि एनसीबी ने मलिक के आरोपों को निराधार बताते हुए उन दो लोगों को स्वतंत्र गवाह करार दिया है।
7 अक्टूबर को एनसीबी ने एक बार फिर कस्टडी बढ़ाने की गुज़ारिश कोर्ट से की, मगर कोर्ट ने कहा कि उन्हें पूछताछ के लिए काफ़ी वक़्त दिया जा चुका है। अदालत ने आर्यन की ज़मानत याचिका ख़ारिज करते हुए सभी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
8 अक्टूबर को सभी आर्यन समेत सभी आरोपियों को मुंबई की आर्थर रोड जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। उसी दिन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आर्यन समेत सभी आरोपियों की ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी।
11 अक्टूबर को आर्यन के वकील सतीश मानशिंदे ने विशेष एनडीपीएस कोर्ट में ज़मानत के लिए याचिका पेश की।
13 अक्टूबर को सेशंस कोर्ट में ज़मानत याचिका पर सुनवाई शुरू हुई, जो 14 अक्टूबर तक चली। आर्यन के वकील अमित देसाई ने कोर्ट में आर्यन का पक्ष रखते हुए कहा था ‘वह अभी जवान हैं। कई देशों में ऐसे पदार्थ लीगल हैं। हमें जमानत दे दी जाए। उन्हें और प्रताड़ित न किया जाए। वे लोग पहले ही बहुत कुछ झेल चुके हैं। उन्होंने अपना सबक सीख लिया है। वो लोग ड्रग्स पेडलर्स नहीं है, ना ही रैकेटियर्स हैं और ना ही ट्रैफिकर्स हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सेशंस कोर्ट ने 20 अक्टूबर तक फैसला सुरक्षित रख दिया था।
14 अक्टूबर को आर्यन समेत सभी आरोपियों को जेल में क्वारंटाइन सेल से निकालकर सामान्य बैरक में शिफ्ट कर दिया गया। आर्यन की सुरक्षा भी बढ़ा दी गयी है। एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स केस में अब तक लगभग 20 लोगों को गिरफ़्तार किया है।