श्रीलंका में शनिवार सुबह 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक इमरजेंसी लगाई गई है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक गैजेट जारी कर यह घोषणा किया और कहा कि देश की जनता के हित व उनकी सुरक्षा के अलावा किल्लतों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
कोलंबो । श्रीलंका इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इसने भारत से मदद की गुजारिश की थी। इस क्रम में श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले ने रविवार को कहा, ‘श्रीलंका के आग्रह पर भारत ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। इस साल जनवरी से अब तक भारत की ओर से श्रीलंका को 2.5 बिलियन की मदद दी जा चुकी है।’
दूसरी ओर लंदन (London) के मौलिक अधिकारों की मानिटरिंग करने वाले एमनेस्टी वाचडाग ने श्रीलंकाई सरकार को चेताया कि जनता की सुरक्षा के नाम पर देश में आपातकाल की घोषणा मानवीय अधिकारों के उल्लंघन का बहाना नहीं बनना चाहिए। श्रीलंका में देशव्यापी कर्फ्यू का एलान किया गया है जो शनिवार सुबह 6 बजे से लेकर सोमवार सुबह 6 बजे तक रहेगा। बता दें कि देश में गंभीर बिजली संकट के साथ महंगाई चरम पर है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा, ‘श्रीलंका में जनता की सुरक्षा के नाम पर लगाया गया आपातकाल मानवाधिकारों के उल्लंघन का बहाना नहीं बनना चाहिए’। शुक्रवार को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक गैजेट जारी किया जिसमें श्रीलंका में तुरंत प्रभाव से पब्लिक इमरजेंसी की घोषणा कर दी। राजपक्षे ने कहा कि देश की जनता के हित व उनकी सुरक्षा के अलावा देश में किल्लतों को देखते हुए आपातकाल लगाने का फैसला लिया गया है।
श्रीलंका में आपातकाल के बाद 3 अप्रैल की मध्यरात्रि से देशभर में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, यूट्यूब, स्नैपचैट, टिकटॉक और इंस्टाग्राम समेत दो दर्जन सोशल मीडिया प्लेटफार्म बंद हैं। डिजिटल अधिकारों का वैश्विक इंटरनेट मानिटर नेटब्लाक्स ने इसकी पुष्टि की और कहा है कि श्रीलंका ने सोशल मीडिया ब्लैकआउट कर दिया है।