अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक शोधकर्ताओं ने गत वर्ष 27 फरवरी से लेकर 26 जून के दौरान माउंट सिनाई हेल्थ सिस्टम के अस्पतालों में भर्ती रहे 6439 कोरोना मरीजों पर गौर किया। उन्होंने इनमें से 37 रोगियों में हार्ट फेल के नए केस पाए।
वाशिंगटन, कोरोना वायरस (कोविड-19) के चलते अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। इसका दावा है कि ऐसे रोगियों के दिल पर यह घातक वायरस भारी पड़ सकता है। अस्पताल में भर्ती होने वाले उन कोरोना पीडि़तों में हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ सकता है, जिनमें पहले से हृदय संबंधी कोई समस्या नहीं होती है।
अमेरिका के माउंट सिनाई हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं के अनुसार, हालांकि इस तरह के मामले काफी कम पाए गए हैं, लेकिन डॉक्टरों को इस तरह की संभावित जटिलताओं के प्रति अवगत रहना चाहिए। अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता और इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन में हार्ट फेल्योर रिसर्च की निदेशक अनु लाला ने कहा, ‘उन कुछ चुनिंदा लोगों में हार्ट फेल होने का खतरा पाया गया, जिनमें पहले से इस जोखिम का कोई कारक नहीं था। हमें इस संबंध में और समझने की जरूरत है कि कोरोना वायरस हृदय प्रणाली को कैसे सीधे प्रभावित कर सकता है।’
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं के दल ने गत वर्ष 27 फरवरी से लेकर 26 जून के दौरान माउंट सिनाई हेल्थ सिस्टम के अस्पतालों में भर्ती रहे 6,439 कोरोना मरीजों पर गौर किया। उन्होंने इनमें से 37 रोगियों में हार्ट फेल के नए केस पाए। इन रोगियों में से आठ में पहले से हृदय संबंधी कोई समस्या नहीं थी। 14 पीडि़त हृदय रोग का पहले सामना कर चुके थे। जबकि 15 हृदय रोग से पीडि़त नहीं थे, लेकिन इनमें खतरे का एक कारक पाया गया था।