संसद के पहले संबोधन में बाइडन का चीन को सख्त संदेश, कहा- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत सैन्य मौजूदगी बनाए रखेगा अमेरिका,

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने संसद के संयुक्त सत्र में अपने पहले संबोधन के दौरान चीन को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका मजबूत सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा। इसके अलावा तकनीकी विकास और कारोबार को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

 

वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने संसद के संयुक्त सत्र में अपने पहले संबोधन के दौरान चीन को सख्त संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका मजबूत सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा। इसके अलावा तकनीकी विकास और कारोबार को भी बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, चीन और अन्य देश तेजी से विकास कर रहे हैं। हमें भविष्य के लिए अपनी तकनीक और उत्पाद का विकास करना पड़ेगा। इस बात का कोई कारण नहीं है कि टरबाइन का ब्लेड बीजिंग के बदले पिट्सबर्ग में नहीं बन सकता।

बताते चलें कि बाइडन कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा अमेरिका की विदेश नीति संबंधी सबसे बड़ी चुनौती है। वे और उनके सहयोगी डेमोक्रेट समेत विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के नेता बीजिंग के खिलाफ सख्त नीति अपनाने की वकालत कर चुके हैं।

राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, अमेरिका कारोबार के अनुचित तौर-तरीकों मसलन सरकारी कंपनियों को अनुदान और अमेरिकी तकनीक और बौद्धिक संपदा की चोरी का विरोध करेगा, जिससे अमेरिकी कामगारों और उद्योग जगत को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, मैं चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को बता चुका हूं कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखेगा, जिस तरह हम यूरोप में नाटो के लिए कर रहे हैं। हमारा मकसद संघर्ष को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि इसे टालना है।

हैरिस, पेलोसी ने रचा इतिहास,

उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और सदन की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने राष्ट्रपति जो बाइडन के कांग्रेस के पहले संयुक्त सत्र के दौरान मंच साझा कर इतिहास रच दिया है। यह पहली बार है जब कांग्रेस को संबोधित करने के दौरान दो महिलाएं राष्ट्रपति के पीछे बैठीं। हैरिस अमेरिकी उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली भारतीय मूल की अमेरिकी तथा पहली अश्वेत महिला भी हैं। वह कांग्रेस में राष्ट्रपति बाइडन के पहले भाषण के दौरान उनके दाहिने तरफ बैठी नजर आईं। वहीं, पेलोसी जो 2007 में सदन की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला थीं, वह राष्ट्रपति के बाएं तरफ बैठी दिखीं।

अफगानिस्तान से सैनिक बुलाने का सही समय,

बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में 20 वर्षो तक बहादुरी दिखाने और बलिदान देने के बाद वहां से सैनिक बुलाने का सही समय आ गया है। उन्होंने अपने देश के नागरिकों को आश्वासन दिया कि उनका प्रशासन देश की चुनौतियों का मुकाबला करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि 2001 के बाद से अफगानिस्तान के अलावा अन्य क्षेत्रों से भी आतंकी चुनौतियां बढ़ गई हैं। हम उनके प्रति सतर्क रहेंगे।

श्वेत की श्रेष्ठता आतंकवाद है

बाइडन ने कहा कि श्वेत नागरिकों में श्रेष्ठता की भावना घरेलू आतंकवाद है और अमेरिका को हर हाल में इससे सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा, हमारे सामने विदेशी आतंकवाद की चुनौती है। लेकिन इसकी तुलना में श्वेत लोगों में श्रेष्ठता की भावना बड़ा खतरा है। हम इसकी अनदेखी नहीं कर सकते। अपने सहयोगी अमेरिकी नागरिकों से मैं अनुरोध करना चाहता हूं कि हमें देश की आत्मा को सुकून देने के लिए एकजुट होना होगा।

जलवायु संकट सिर्फ अमेरिका की लड़ाई नहीं,

राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि जलवायु संकट सिर्फ अमेरिका की लड़ाई नहीं है और पूरे विश्व को इससे मिलकर लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका 15 प्रतिशत से कम कार्बन उत्सर्जन करता है। दूसरी तरफ दुनिया के अन्य देश 85 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन करते हैं। यही कारण है कि राष्ट्रपति के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभालने के पहले ही दिन मैंने पेरिस जलवायु समझौते में शामिल होने का फैसला लिया।

बंदूक को लेकर तार्किक सुधार पर जोर

बाइडन ने बंदूक को लेकर तार्किक सुधार पर भी जोर दिया। अमेरिकी संसद में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कई सुधारों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसको लेकर बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिकों का समर्थन है। उन्होंने कहा, हम संविधान बदलने नहीं जा रहे हैं। हमें थोड़ा तार्किक होना चाहिए।

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