सिलिकॉन वैली बैंक संकट को देखते हुए भारत सरकार ने इससे बचने के लिए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। इसका असर ये हुआ कि भारतीय स्टार्टअप पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। एक तरफ जहां अमेरिकी बैंक सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के डूबने से दुनियाभर में इसका असर देखने को मिला है। वहीं, भारत के स्टार्टअप पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि सिलिकन वैली बैंक के धराशायी होने के बाद भारतीय स्टार्टअप्स पर इस संकट का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है और यह सरकार द्वारा तत्काल कार्रवाई से यह सुनिश्चित हुआ है।
आईटी और संचार मंत्री वैष्णव ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्रों में भारत द्वारा तेजी से उठाए गए कदमों को भी नोट किया। इंडिया ग्लोबल फोरम इवेंट में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि एक समय था जब भारत को केवल प्रौद्योगिकी के उपभोक्ता के रूप में देखा जाता था, लेकिन आज कई वैश्विक डेवलपर्स भारतीय स्टार्टअप, उद्यमियों और शिक्षाविदों को अपने भागीदारों के रूप में पसंद कर रहे हैं।
अर्धचालक विनिर्माता के रूप में उभरना है लक्ष्य
वैष्णव ने कहा कि दुनियाभर में एक भावना है कि भारत को एक प्रमुख अर्धचालक विनिर्माता के रूप में उभरना चाहिए और उसके लिए सरकार देश में अर्धचालक पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम भारत और दुनिया के लिए समाधान विकसित करने पर काम कर रहे हैं और इसके लिए भारतीय प्रतिभा का उपयोग करना चाहेंगे।”
तुरंत कार्रवाई ने की मददमंत्री के मुताबिक, एसवीबी के पतन के बाद सरकार वैसे भारतीय स्टार्टअप को संभालने के लिए तुरंत कार्रवाई में जुट गई, जिनके पास बैंक में धन या जमा राशि थी। इसके तहत, सरकार की विभिन्न शाखाओं के बीच सहयोग से पूरी प्रक्रिया को लागू किया गया और स्टार्टअप की जमा राशि को भारतीय बैंकों में स्थानांतरित करने का विकल्प दिया।
उन्होंने आगे कहा, “हमने सभी स्टार्टअप से अनुरोध किया है कि किसी भी बैंक में अपना पैसा लगाने के बारे में न सोचकर अपना पैसा भारत में डालें और मैं सभी वैश्विक स्टार्ट अप समुदाय से भी अनुरोध करूंगा, भारत को अपने विश्वसनीय बैंकिंग क्षेत्र के रूप में सोचें।”