मंत्रालय ने कहा है कि इस वर्ष 15 मई से पहले आयात किए गए स्टॉक पर उनकी भंडारण सीमा थोक कारोबारियों जितनी ही होगी। उन्होंने आयात 15 मई के बाद किया है तो स्टॉक लिमिट की बाध्यता कस्टम क्लीयरेंस मिलने की तिथि के 45 दिनों बाद से लागू होगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दालों की बढ़ती महंगाई और जमाखोरी को देखते हुए सरकार ने शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से इनकी भंडारण सीमा निर्धारित कर दी है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि थोक व्यापारी 200 टन और खुदरा व्यापारी पांच टन से अधिक किसी भी एक दाल का भंडारण नहीं करेंगे। मिलों के लिए यह सीमा पिछले तीन महीनों के उत्पादन या उनकी कुल स्थापित क्षमता के 25 फीसद (जो भी अधिक हो) से ज्यादा नहीं होगी। मूंग दाल को इन सभी सीमाओं से बाहर रखा गया है। यह सीमा इस वर्ष 31 अक्टूबर तक के लिए है।
आयातकों के लिए मंत्रालय ने कहा है कि इस वर्ष 15 मई से पहले आयात किए गए स्टॉक पर उनकी भंडारण सीमा थोक कारोबारियों जितनी ही होगी। अगर उन्होंने आयात 15 मई के बाद किया है तो उनके लिए स्टॉक लिमिट की बाध्यता कस्टम क्लीयरेंस मिलने की तिथि के 45 दिनों बाद से लागू होगी।
मंत्रालय ने इन सभी पक्षों से कहा है कि अगर उनके पास सीमा से अधिक स्टॉक है तो वे उपभोक्ता मामलों के विभाग पर इसकी लिखित जानकारी दें। इसके साथ ही वे अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर स्टॉक को सीमा के अंदर लाएं। मंत्रालय का कहना था कि इस वर्ष मार्च और अप्रैल के दौरान दालों की कीमत में तेज उछाल दर्ज किया गया है। इसे रोकने के लिए तत्काली नीति की जरूरत थी।