सांवला था पति तो मार डाला..पत्नी को ताउम्र कैद, मासूम को मां के जुर्म की सजा : चार साल की बेटी भी जेल में रहेगी

कुढ़फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के बिचौटा गांव निवासी सतवीर की हत्या में उसकी पत्नी प्रेमश्री को आजावीन कारावास की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अपर सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव ने उस पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। सजा के बाद बेटी को भी मां के साथ जेल भेज दिया गया है।

 

चंदौसी ; पति की हत्या में चार साल से जेल में बंद प्रेमश्री के जुर्म की सजा उसकी चार साल की मासूम बेटी भी काट रही है। जब पति की हत्या के आरोप में प्रेमश्री को जेल भेजा गया था, तब उसकी छह माह बेटी को भी मां के साथ जेल में रखा गया था। सोमवार को मामले में प्रेमश्री को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई तो साढ़े चार साल की बेटी को उसके साथ ही जेल भेजा गया है। मां को सजा मिलने के बाद बाहर आने की उम्मीद धूमिल हो गई है। अब मासूम की दादा पर आस टिकी है। थाना कुढ़फतेहगढ़ के गांव बिचैटा में प्रेमश्री ने 15 अप्रैल 2019 को अपने पति सतवीर इसलिए जलाकर मार डाला था, क्योंकि वह सांवला था और वह उसे पसंद नहीं करती थी। वारदात के समय प्रेमश्री व सतवीर की छह माह की एक बेटी थी। पुलिस ने पति की हत्या में प्रेमश्री को तभी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

उसकी बेटी छह माह बेटी को भी साथ भेज दिया गया था। तभी से मासूम बेटी अपनी मां के साथ जेल में रह रही है। मुकदमा आगे बढ़ा तो मासूम के जेल से बाहर आने की उम्मीद जगी। लेकिन प्रेमश्री का आजीवन कारावास की सजा होने से मासूम के बाहर आने की उम्मीद को धूमिल हो गई। सोमवार को सजा सुनाए जाने के बाद साढ़े चार साल की मासूम मां प्रेमश्री के साथ दोबारा जेल चली गई।
जेल में हुआ नामकरण, दादा-चाचा नाम से अनजान

सतवीर की हत्या के समय उसकी मासूम बेटी छह माह की थी। हत्या के बाद पुलिस ने उसकी पत्नी प्रेमश्री को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बेटी छोटी होने के कारण वह मां के साथ चली गई थी। तब से वह जेल में ही रह रही है। मासूम के दादा महेंद्र व चाचा हरवीर सजा सुनाए जाने के दौरान न्यायालय में थे। वह मासूम बच्ची के नाम से अनजान थे। जेल में ही बच्ची का नाम रखा गया था।

दादा बोले- पोती हमारा खून 

मृतक सतवीर के पिता महेंद्र सिंह ने अपनी पोती यानी पोती को साथ रखने की इच्छा जताई। महेंद्र सिंह कहना है कि पोती का नाम उन्हें याद नहीं है। वह उनका अपना खून है। इस मासूम बच्ची का कोई दोष नहीं है। अभी से उसे अपने साथ रखना चाहते हैं। इसके लिए कानून प्रक्रिया का हमें पता नहीं है। अपने अधिवक्ता इसे मामले में बात करें। बच्ची को अपने साथ रखने के लिए कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी कराएंगे। अपनी पोती की वह स्वयं परवरिश करेंगे।
निर्णय से संतुष्ट, सही सजा मिलीमृतक सतवीर के भाई हरवीर सिंह का कहना है कि वह न्यायालय के निर्णय से संतुष्ट है। भाई की हत्या की आरोपी भाभी को सही सजा मिली है। इससे कम सजा से न्याय नहीं मिलता।

सजा के दौरान नहीं पहुंचे मायके वालेपति की हत्यारोपी प्रेमश्री को आजीवन कारावास की सजा सोमवार को सुनाई है। शनिवार को दोष सिद्ध हो गया था। शनिवार को मायके पक्ष से प्रेमश्री के पिता न्यायालय में मौजूद थे। उसे पहले तारीख पर कभी उसका भाई भी आ जाता था। लेकिन सोमवार को सजा सुनाने के दौरान प्रेमश्री के मायके पक्ष से कोई व्यक्ति मौजूद नहीं रहा।

प्रेमश्री को नहीं दिखाई दिया पछतावा

आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद भी प्रेमश्री के चेहरे पर शिकन तक दिखाई नहीं दी। वहां तैनात महिला स्टाफ व अन्य लोगों की बात से जवाब दे रही थी।

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