लखनऊ में सिविल परीक्षा की तैयारी कर रहे विनीत के साथ मारपीट करने के मामले में हेड कांस्टेबल समेत तीन पर मारपीट व लूट की एफआइआर दर्ज की गई है। बता दें कि एक दिन पूर्व ओला टैक्सी चालक को पीट रहे सिपाहियों का विनीत ने विरोध किया था। जिसके बाद सिपाहियों ने रेल पटरियों के किनारे ले जाकर विनीत पर लाठियां बरसाईं और उसका मोबाइल भी तोड़ दिया था।
लखनऊ, सिविल परीक्षा की तैयारी कर रहे विनीत के साथ मारपीट के मामले में मानक नगर कोतवाली में हेड कांस्टेबल समेत तीन पर मारपीट, लूट का मुकदमा दर्ज किया गया है। आइएएस (सिविल सेवा परीक्षा) की तैयारी कर रहे छात्र विनीत सिंह को सोमवार अवध चौराहे पर पीटने वाले मानकनगर थाने के एक हेड कांस्टेबल और सिपाही को बुधवार को डीसीपी पश्चिमी राहुल राज ने निलंबित कर दिया।
पिटाई में एक अन्य सिपाही और दारोगा की भूमिका की तफ्तीश की जा रही है। पूरे प्रकरण की जांच अब डीसीपी ने एसीपी काकोरी अनूप कुमार सिंह को सौंपी है। यह कार्रवाई दैनिक जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित खबर दोस्त आइपीएस न होता तो स्मैक तस्कर बना देती पुलिस का संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडर के निर्देश पर की गई है। डीसीपी ने विनीत से फोन पर बात की और कार्रवाई का आश्वसन देते हुए उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया। विनीत ने आपबीती सुनाई।
डीसीपी ने बताया कि प्राथमिक जांच में हेड कांस्टेबल गजेंद्र सिंह और सिपाही अनमोल मिश्रा दोषी पाए गए हैं। दोनों को निलंबित कर दिया गया है। दोनों मानकनगर थाने की पालीगान बाइक पर तैनात थे। एसीपी ने बताया कि विनीत ने एक अन्य सिपाही और दारोगा पर आरोप लगाया है। दोनों का वह नाम नहीं जानते हैं। उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे अन्य विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
विनीत मूल रूप से बाराबंकी आवास विकास के रहने वाले हैं। यहां इंदिरानगर सी ब्लाक में अपनी बहन के घर पर रहते थे और आइएएस की तैयारी दिल्ली से कर रहे हैं। सोमवार रात वह बस पकड़ने के लिए अवध चौराहे पर पहुंचे। जहां, ओला चालक को मानकनगर थाने के तीन सिपाही पीट रहे थे। विनीत ने बताया कि जब उन्होंने विरोध किया सिपाही उन्हें पीटने लगे। इसके बाद ई-रिक्शा में डालकर ले रेलवे पटरी किनारे ले गए। जहां, लाठियों और घूसों से जमकर पीटा। फोन की स्क्रिन तोड़ दी। स्मैक और गांजा बरामदगी का आरोप लगाकर जेल भेजने और भविष्य बर्बाद कर देने की धमकी दी थी। इसके बाद थाने ले गए। जहां विनीत ने एमपी में तैनात अपने आइपीएस मित्र से बात कराई। आइपीएस मित्र ने एसीपी काकोरी को फोन किया, तो पुलिस कर्मी उल्टा माफी मांगने लगे। दारोगा ने कहीं शिकायत न करने का दबाव बनाया। विनीत ने बताया कि एक सिपाही और दारोगा की वर्दी पर नेम प्लेट नहीं लगी थी। इस लिए वह उसे नहीं जानते हैं।
पुलिस की बरर्बता पर फफक पड़े विनीत, कड़ी कार्रवाई की मांग
विनीत बयान के दौरान फफक पड़े। उन्होंने बताया कि अगर सिपाही उन्हें स्मैक तस्करी में जेल भेज देते तो उनका पूरा भविष्य चौपट हो जाता। किसान पिता इंद्रभान सिंह और मां पुष्पा सिंह ने बड़ी मेहनत से उन्हें पढ़ाया है। वह शुरू से कालेज में टापर रहें। उन्होंने एमपी में तैनात प्रशिक्षु आइपीएस मित्र के साथ सिविल सेवा परीक्षा दी थी। मित्र का 2021 में चयन हो गया था उनका नहीं हो सका था।
साथ के कई और दोस्त आइपीएस, आइएएस हो गए थे। वह घंटों घर में रहकर पढ़ाई करते हैं। बाहर कम निकलना होता है। इस लिए अब तक पुलिस से सामना नहीं पड़ा। जब पड़ा तो पुलिस ने बिना किसी दोष के बर्बरता पूर्वक उनकी पिटाई की। पुलिस की छवि बहुत गंदी है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इतना कहकर वह फफक पड़े। यह देख पुलिस अधिकारियों और साथ आए उनके भाई ने ढाढस बंधाते हुए शांत कराया।