सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्त चेतावनी- कालाबाजारी में लिप्त मिले मेडिकल स्टाफ तो निलंबित करें डिग्री,

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपदाकाल में कुछ निजी अस्पतालों द्वारा कोविड संक्रमित मरीजों से इलाज के नाम पर अधिक वसूली की शिकायतें मिल रही हैं। यह व्यवस्था का उल्लंघन तो है ही मानवता के विरुद्ध भी है। सभी जिलों में ऐसी गतिविधियों पर सतत नजर रखी जाए।

 

लखनऊ,, कोरोना संक्रमण की दर लगातार कम हो रही है, लेकिन निजी अस्पतालों की शिकायतें अभी बरकरार हैं। इलाज के नाम पर अधिक वसूली और जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी की शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार चेतावनी दे रहे हैं। अब उन्होंने कालाबाजारी में लिप्त मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की प्रोफेशनल डिग्री भी निलंबित करने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना प्रबंधन की समीक्षा बैठक में कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित किसी भी जीवनरक्षक दवा की कालाबाजारी में संल्पित लोगों के खिलाफ एनएसए जैसे कठोर कानून के तहत कार्रवाई की जाए। यदि इन गतिविधियों में किसी मेडिकल या पैरामेडिकल स्टाफ की संलिप्तता हो तो उसकी प्रोफेशनल डिग्री को निलंबित भी किया जाना चाहिए।

इलाज के नाम पर वसूली मानवता के विरुद्ध : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपदाकाल में कुछ निजी अस्पतालों द्वारा कोविड संक्रमित मरीजों से इलाज के नाम पर अधिक वसूली की शिकायतें मिल रही हैं। यह व्यवस्था का उल्लंघन तो है ही, मानवता के विरुद्ध भी है। सभी जिलों में ऐसी गतिविधियों पर सतत नजर रखी जाए। शिकायतों का तत्काल संज्ञान लेते हुए इनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।

कोविड से मौत का मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी हो उल्लेख : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोविड और नॉन कोविड मरीजों के निधन के बाद उनके स्वजन को मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई न हो। यदि मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है तो मृत्यु प्रमाण-पत्र पर स्पष्ट उल्लेख किया जाए। इस संबंध में आवश्यकतानुसार शासनादेश भी जारी कर दिया जाए।

सभी कोविड अस्पतालों में बनाएं पोस्ट कोविड वार्ड : समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके कुछ लोगों को अभी भी चिकित्सकीय निगरानी की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में कोरोना के उपचार के साथ-साथ पोस्ट कोविड मेडिकल समस्याओं के इलाज के लिए व्यवस्था जरूरी है। सभी डेडीकेटेड कोविड अस्पतालों में पोस्ट कोविड वार्ड तैयार किया जाए। यहां हर बेड पर आक्सीजन की व्यवस्था हो। इन मरीजों के लिए भोजन के प्रबंध भी किए जाएं।

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