सीतापुर पीटीसी में मतांतरण का आरोप लगने पर हटाए गए एसपी शफीक अहमद, एडीजी जकी अहमद भी शासन की रडार पर

आइपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है जिनमें शफीक अहमद भी हैं। इनके स्थान पर किसी की तैनाती नहीं की गई है इनका तबादला करने के बाद इनको प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है। इस दौरान शफीक अहमद डीजीपी कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे।

 

लखनऊ । पुलिस तथा प्रशासनिक सेवा में शीर्ष अधिकारियों के अपने मताहतों पर अवैध मतांतरण या फिर धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने का दबाव बनाने के प्रकरण पर योगी आदित्यनाथ सरकार बेहद सख्त है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष रहे मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन को पद से हटाने के बाद अब एसपी पीटीसी सीतापुर का तबादला करने के बाद उनको प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। इतना ही नहीं पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय(पीटीसी) के एडीजी जकी अहमद के साथ सीओ नईमुल हसन पर भी जल्दी ही कार्रवाई हो सकती है।

अपर पुलिस महानिदेशक कार्मिक राजा श्रीवास्तव ने सीतापुर पीसीसी के एसपी शफीक अहमद के तबादले का आदेश जारी किया है। आज नौ आइपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है, जिनमें शफीक अहमद भी हैं। फिलहाल इनके स्थान पर किसी की तैनाती नहीं की गई है, लेकिन इनका तबादला करने के बाद इनको प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है। इस दौरान शफीक अहमद डीजीपी कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे।

सीतापुर के पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय(पीटीसी) के एडीजी जकी अहमद और एसपी शफीक अहमद पर वहां के कर्मचारियों ने जय हिंद की जगह सलाम और आदाब अर्ज है, बोलने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही इन दोनों तथा सीओ नईमुल हसन पर मतांतरण के लिए कर्मचारियों को प्रताडि़त करने का भी आरोप है। यह पीटीसी के चौकीदार विनोद कुमार और रसोइया कृष्ण शंकर गुप्ता ने लगाए हैं। इतना ही नहीं इन लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निवारण संगठन और डीएम पत्र भेजे हैं। इनके पत्र में जातिगत भेदभाव और मतांतरण का दबाव बनाने की बात कही गई है। एडीजी और एसपी ने इन कर्मचारियों के आरोपों को निराधार बताया है।

विनोद कुमार और कृष्ण शंकर गुप्ता का आरोप है कि दोनों अधिकारी हिंदू कर्मचारियोंं को आपस में लड़ाकर निलंबित करने की कार्रवाई करते हैं। इसके बाद बहाली के लिए पैसों की मांग करते हैं। हिंदू कर्मचारियों को बुलाकर नीलगााय का गोश्त पकाने को मजबूर किया जाता है। छुट्टी पास करने के लिए कर्मचारियों से रुपये मांगे जाते हैं। लिपिक आरिफ और सीओ सैयद नईमुल हसन भी अधिकारियों की शह पर कर्मचारियों को प्रताडि़त करते हैं। शिकायत में कहा कि एडीजी जकी अहमद पर कानपुर में 53 हिंदू कर्मचारियों को प्रताडि़त करने का आरोप लगा था। अभी इसकी जांच चल रही है।

निलंबित चल रहे हैं दोनों कर्मचारी : पीटीसी के जिन कर्मचारियों ने एसपी और एडीजी पर आरोप लगाया है। वह लंबे समय से निलंबित चल रहे हैं। चौकीदार विनोद कुमार के अनुसार उनके लड़के की शादी थी। छुट्टी न मिलने पर उन्होंने उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी। इसके बाद निलंबित कर दिया गया। अन्य कर्मचारियों को भी निलंबित किया गया।

एडीजी ने आरोपों को बताया निराधार : पीटीसी के एडीजी जकी अहमद ने कर्मचारियों के आरोप निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि हम तो 15 दिन पहले ही आए हैं। उन्होंने बताया कि आरोप दुर्भावना से प्रेरित हैं।

एसपी शफीक अहमद ने बताया कि मुझे पीटीसी में पांच वर्ष हो गए। 50 हजार सिपाही-दरोगा ट्रेनिंग पाकर निकल गए, कोई आरोप नहीं लगा। निलंबित कर्मचारी गलत आरोप लगा रहे हैं।

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