श्याम बिहारी के पास करोड़ों की कीमत वाली कस्बे में कई बीघे जमीन थी। बताते हैं कि भांजे अमरेंद्र ने कुछ जमीन की वसीयत भी करा ली थी। बाद में भांजे पंकज तिवारी के विरोध पर इस वसीयत को खारिज कराया गया था।
सीतापुर, महमूदाबाद के बन्नी में भांजे ने अपने ही मामा की गला रेतकर हत्या कर दी। हत्या संपत्ति के लालच में की गई। बुजुर्ग के परिवार में कोई अन्य सदस्य नहीं था। भांजा, परिवार सहित उसके साथ रहता था। पुलिस की पूछताछ में भांजे ने हत्या की बात भी स्वीकार भी की है। घटना की पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे।
वार्ड बन्नी के 55 वर्षीय श्याम बिहारी वर्मा पुत्र जगन्नाथ मंगलवार की रात अपने भांजे रामपुर मथुरा थाना के पाल्हापुर के अमरेंद्र पुत्र सियाराम के साथ लेटे थे। आरोप है कि भांजे अमरेंद्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर मामा श्यामबिहारी की गला रेतकर हत्या कर दी। भांजा अमरेंद्र, अपने दो भाइयों, पत्नी और बच्चों के साथ करीब 10 वर्षों से श्याम बिहारी के साथ रह रहे थे।
पत्नी की मौत के बाद रहने आया था भांजे का परिवारः श्याम बिहारी दो भाई थे। बड़ा भाई रामलखन कोई पुत्र नहीं था। वह, भिटौरा में रहने वाली अपनी बेटी के घर रह रहे थे। श्यामबिहारी की चार बहने हैं जोकि सदरपुर के लोखरिहा व अहिबनपुर, रामपुर मथुरा के पाल्हापुर और रायपुर-दबिंदापुर में रहती हैं। सगे-सम्बंधियों का कहना है कि करीब 10 वर्ष पूर्व श्याम बिहारी की पत्नी की मौत हो गई। पाल्हापुर निवासी भांजा व उसका पूरा परिवार मामा श्यामबिहारी के पास रहने लगा था।
संपत्ति बनी मौत का कारणः श्याम बिहारी के पास करोड़ों की कीमत वाली कस्बे में कई बीघे जमीन थी। बताते हैं कि भांजे अमरेंद्र ने कुछ जमीन की वसीयत भी करा ली थी। बाद में भांजे पंकज तिवारी के विरोध पर इस वसीयत को खारिज कराया गया था। कुछ समय से वह मुहल्ले में दूसरा घर बनवा रहे थे। श्याम बिहारी की एक भांजी ने बताया कि मामा नवरात्रि में दूसरी शादी कर अलग नए मकान में रहना चाहते थे। इस बात से खफा और संपत्ति हाथ से निकल जाने से नाराज अमरेंद्र ने मामा की हत्या कर दी।