यूपी में अदाणी ट्रांसमिशन का टेंडर निरस्त किए जाने के बाद स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए निजी घरानों ने टेंडर नहीं डाले हैं। मध्यांचल डिस्काम को 5400 करोड़ रुपये से मीटर खरीदने हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद टेंडर निरस्त करने की मांग कर रहा था।
इस संबंध में परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने नियामक आयोग में याचिका भी दाखिल की। अंततः चार फरवरी को अदाणी समूह का टेंडर निरस्त किए जाने के बाद नए सिरे टेंडर आमंत्रित किए गए थे लेकिन किसी ने भी सोमवार शाम पांच बजे तक के निर्धारित समय में टेंडर नहीं डाला। न अदाणी ट्रांसमिशन ने और न ही पूर्व में टेंडर में भाग लेने वाले जीएमआर व एलएनटी सहित इन टेलीस्मार्ट ने टेंडर डाला है। चूंकि एक भी टेंडर नहीं आया है इसलिए तय है कि मध्यांचल डिस्काम को टेंडर आमंत्रित करने की अवधि और बढ़ानी ही होगी।
इस बीच परिषद अध्यक्ष ने सवाल उठाते हुए पूर्वांचल, पश्चिमांचल व दक्षिणांचल के स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें 48 से 64 प्रतिशत ज्यादा होने पर भी अब तक टेंडर न निरस्त किए जाने की जांच कराए जाने की भी मांग की है। वर्मा ने आयोग में याचिका दाखिल कर कहा है कि ज्यादा दर के चलते सभी बिजली कंपनियों के 25 हजार करोड़ रुपये से 2.50 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीदने के टेंडर निरस्त किए जाएं।
चार के बजाय आठ या उससे अधिक के छोटे कलस्टर में टेंडर निकाले जाएं ताकि मीटर निर्माता कंपनियां भी उसमें भाग ले सकें। उल्लेखनीय है कि पश्चिमांचल व दक्षिणांचल डिस्काम द्वारा मीटर खरीदने के लिए निकाले गए टेंडर में निजी घरानों की न्यूनतम दरें नौ से 10 हजार रुपये तक रही हैं। दक्षिणांचल डिस्काम के लगभग सात हजार करोड़ के टेंडर को भी अडाणी ट्रांसमिशन ने ही हासिल कर रखा है। इसी तरह पूर्वांचल डिस्काम के भी लगभग सात हजार करोड़ रुपये के जीएमआर और पश्चिमांचल के तकरीबन छह हजार करोड़ रुपये के टेंडर इंटेली स्मार्ट के पक्ष में रहे हैं। विदित हो कि केंद्र सरकार ने मीटर के लिए छह हजार रुपये की बेंचमार्क कास्ट तय कर रखी है।