उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। सुलतानपुर में एमपीएमलए कोर्ट के दंडाधिकारी योगेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को 24 जनवरी को पेश होने का आदेश दिया है। सात साल से धार्मिक भावना भड़काने का मुकदमा चल रहा है।
लखनऊ, मंत्री पद से इस्तीफा देकर चर्चा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद न्यायालय में पेश न होने पर एमपीएमएलए कोर्ट के दंडाधिकारी योगेश यादव ने बुधवार को उन्हें गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया है। सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी ने परिवाद दायर कर आरोप लगाया था। कहा था कि एक समाचार पत्र में छपा है बसपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि शादी में देवी देवताओं की पूजा न करें। इससे हिंदुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची। साथ ही श्रवण कुमार व तेज बहादुर सिंह का अदालत में बयान कराया गया।
22 नवंबर 2014 को मजिस्ट्रेट ने मौर्य को धार्मिक भावनाएं भड़काने की धारा 295 क आइपीसीसी के तहत तलब करते हुए मुकदमा चलाने का आदेश दिया। उन्होंने आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में रिवीजन दायर किया जो नौ नवंबर 2015 को निरस्त हो गया। मजिस्ट्रेट कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ तो उसके खिलाफ स्वामी प्रसाद ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इसमें 12 जनवरी 2016 को स्थगनादेश जारी हुआ।
गत दिनों सुप्रीमकोर्ट ने सांसद, विधायकों के मुकदमे में छह माह से ज्यादा के सभी स्थगनादेश निष्प्रभावी कर दिए। साथ ही यह भी आदेश दिया है कि मजिस्ट्रेट ट्रायल वाले मुकदमे लोअर कोर्ट में देखे जाएं। एसीजेएम कक्ष संख्या 18 में फाइल सुनवाई के लिए आई तो 12 जनवरी को हाजिर होने के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। नियत तिथि पर स्वामी प्रसाद अदालत में हाजिर नहीं हुए तो उन्हें गिरफ्तार कर 24 जनवरी को न्यायालय में पेश किए जाने का आदेश दिया गया।