तकनीकी मशीनें मौजूद होने के बावजूद भी बाहर से जांच क्यों करवाईं जाती है। शासन के द्वारा लम्बे समय स्वास्थ्य सुविधाएं जनता के उपचार के लिए बौना साबित हो रहा क्षेत्रीय जनता में आक्रोश।
आवाज़ –ए– लखनऊ ~ महेन्द्र कुमार
हसनगंज उन्नाव जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ हो या स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े बड़े वादे करते हैं वहीं दूसरी तरफ जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखाई पड़ती है। सरकारी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हसनगंज में स्वास्थ्य सुविधाएं जांच कच्छ बने सो पीस।
जहां पर जो स्वास्थ्य जांच मशीनें है तो मशीन आपरेटर की शासन से तैनाती नहीं है। जो आपरेटर की तैनाती शासन से है तों वह जांच मशीनें सुचारू रूप से चालू नहीं है। ऐसे में आमजनता का सरकारी अस्पतालों से भरोसा ही उठ गया है । दूसरी तरफ सरकार अस्पतालो मे स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने के लिए अच्छा खासा धन खपत करती है फिर भी आम जनता परेशान हैं। जानकारी के अनुसार 2016 में अल्ट्रासाउंड मशीन आपरेटर जो हसनगंज में तैनात थे ट्रेनिंग के दौरान दूसरी जगह स्थानांतरण हो गया था। तब से शासन के द्वारा अल्ट्रा साउंड मशीन आपरेटर नहीं है। एक्स-रे टैक्निशियन रामप्रकाश की शासन से तैनाती है जो तीन दिन लखनापुर व तीन दिन हसनगंज समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनाती रहती है। लेकिन एक्स-रे ऐप इंस्टॉल न होने के कारण एक्स-रे मशीन भी चालू नहीं है।
CHC प्रभारी से मिली जानकारी – हसनगंज समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी प्रमोद कुमार से हमारे संवाददाता के द्वारा बात करने पर बताया केवल गर्भवती महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत दिनांक 1,9,16,24 को सरकारी अस्पताल में पर्चा बनवाएं जाने पर गर्भवती महिलाओं के लिए बाहर किसी भी जांच केन्द्रो पर फ्री में अल्ट्रा साउंड रिपोर्ट मिल जाती। जिससे गर्भवती महिलाओं के लिए राहत है बाकी अल्ट्रा साउंड एक्स-रे मशीन सम्बंधित मामला उच्च अधिकारीयों के संज्ञान में है।