हिजाब समर्थकों द्वारा हिजाब शब्द को धर्म से जोड़ कर एक तरह से धर्म को बदनाम किया जा रहा है, महिलाओं की निजता पर उंगली उठाते की इजाजत कोई धर्म नहीं देता।
आवाज़ — ए — लखनऊ — आर सी राठौर ! ईरान से महिलाओं द्वारा हिजाब आन्दोलन चल कर भारत आ गया है, प्रश्न यह उठता है कि महिलाओं के पहनने के कपड़ों को धर्म से जोड़ने की क्या आवश्यकता है? महिलाओं को यूं भी अपनी लज्जा की बहुत ज्यादा चिंता होती है। ईरान में महिलाओं की निजता पर हमला किया जा रहा है,
जो कि बहुत ही शर्मनाक है। ईरान की महिलाओं द्वारा किया जा रहा हिजाब पर आन्दोलन धीरे -धीरे विश्वव्यापी होता जा रहा है। हिजाब समर्थकों द्वारा हिजाब शब्द को धर्म से जोड़ कर एक तरह से धर्म को बदनाम किया जा रहा है, महिलाओं की निजता पर उंगली उठाते की इजाजत कोई धर्म नहीं देता। मुस्लिम महिलाओं को हिज़ाब पहनने के लिए मजबूर करना एक तरह से मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की निजता पर हमला है।