अमेरिका ने हैती को सैन्य सहायता देने से इनकार कर दिया है। देश के राष्ट्रपति जोवेनेल मोइज की बुधवार को हत्या के बाद हैती प्रशासन ने अपने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए अमेरिका से सैन्य सहायता की गुजारिश की थी।
वाशिंगटन/पोर्ट-एयू-प्रिंस, रायटर्स: अमेरिका ने हैती को सैन्य सहायता देने से इनकार कर दिया है। देश के राष्ट्रपति जोवेनेल मोइज की बुधवार को हत्या के बाद, हैती प्रशासन ने अपने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए अमेरिका से सैन्य सहायता की गुजारिश की थी। अमेरिका ने जवाब देते हुए कहा कि, वो राष्ट्रपति की हत्या के मामले की जांच में देश के प्रशासन की मदद कर सकता है, लेकिन सैन्य सहायता संभव नहीं है।
हत्या के 8 संदिग्ध फरार
राष्ट्रपति की हत्यारों के बारें में जानकारी देते हुए, शुक्रवार को हैती की पुलिस ने बताया कि, हत्या विदेशी हमलावरों के एक दस्ते द्वारा की ई है। हत्यारों में अधिकतर कोलंबिया के पूर्व सैनिक थे। पुलिस प्रमुख लियोन चार्ल्स ने बताया कि हमलावरों के दस्ते में 26 कोलंबियाई और हैती मूल के दो अमेरिकी शामिल थे। हत्या के 8 संदिग्ध अब भी फ़रार हैं जबकि दो अमेरिकियों समेत 17 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। बाकी संदिग्धों को पुलिस द्वारा राजधानी पोर्ट ओ प्रिंस में मुठभेड़ के दौरान मार दिया गया है।
जांच में सहयोग का आश्वासन
कोलंबिया की सरकार के मुताबिक हत्यारों के दस्ते में करीब छह सदस्य उनकी सेना के रिटायर्ड सैनिक होने की बात सामने आई है। कोलंबिया ने कहा है कि वो राष्ट्रपति की हत्या के मामले में जांच को लेकर पूरा सहयोग करेगा। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अब तक अपने किसी भी नागरिक के हिरासत में लिए जाने की पुष्टि नहीं की है।
योजनाबद्ध तरीके से हत्या
गौरतलब है कि, बुधवार सुबह हथियार धारी दस्ते ने राष्ट्रपति मोइज़ के घर में घुसते ही गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं, इस हमले में राष्ट्रपति मोइज़ की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उनकी पत्नी मार्टिन गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। उन्हें इलाज के लिए अमेरिका के फ़्लोरिडा में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनकी स्थिति पहले से बेहतर बताई जा रही है। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं है कि, हमले की योजना किसके द्वारा बनाई गई थी या हत्या के पीछे क्या उद्देश्य छिपा हुआ है। हैती में राष्ट्रपति की हत्या से राजनीतिक संकट खड़े होने की आशंका है। इस कारण देश में हालात बिगड़ सकते हैं, साथ ही इसका सबसे बड़ा प्रभाव कोविड-19 की स्थिति पर पड़ सकता है। हैती ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से भी मदद मांगी है।