कोरोना की उत्पत्ति को लेकर एक बार फिर चीन की चर्चा है। अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इस वायरस की उत्पत्ति चीन में हुई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन के वुहान का दौरा कर चुकी है।
वाशिंगटन, एजेंसी। कोरोना महामारी के उत्पत्ति को लेकर एक बार फिर चीन की चर्चा जोरों पर है। इस बार अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इस वायरस की उत्पत्ति चीन में हुई थी। बता दें कि इसके पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन को कटघरे में खड़ा किया था। इसके बाद अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ष्ट्रपति जो बाइडन भी ट्रंप के स्टैंड पर कायम रहे। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन के वुहान का दौरा कर चुकी है। जाहिर है कि इस रिपोर्ट से चीन को मिर्ची लगी होगी।
अमेरिकी रिपब्लिकन का दावा कोरोना की उत्पत्ति चीन का वुहान लैब
अमेरिकी रिपब्लिकन द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना महामारी को जन्म देने वाले कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन का वुहान लैब है। इस मुद्दे को लेकर पिछले साल से ही बहस हो रही है। खास बात यह है कि इस रिपोर्ट में इस बात को खारिज कर दिया गया है कि ये वायरस मीट बाजार में सामने आया। इसमें कहा गया है कि इसके पर्याप्त सबूत हैं कि यह सितंबर से पहले वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था, जबकि कई महीने बाद दुनिया ने इस बीमारी पर ध्यान देना शुरू किया।
वुहान मीट बाजार से नहीं हुई उत्पत्ति
रिपोर्ट में कहा गया है कि अब हम मानते हैं कि वुहान मीट बाजार को स्रोत के रूप में पूरी तरह से खारिज करने का समय आ गया है। हम यह भी मानते हैं कि सबूत इस बात की ओर भी इशारा करते हैं कि वायरस से लीक हुआ और ऐसा 12 सितंबर, 2019 से कुछ समय पहले हुआ। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के शीर्ष रिपब्लिकन और टेक्सास के 10 वें कांग्रेस जिले के प्रतिनिधि माइक मैककॉल ने पैनल के रिपब्लिकन कर्मचारियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट जारी की। साथ ही उन्होंने कोरोना वायरस के उत्पत्ति की द्विदलीय जांच का आह्वान किया।
वुहान लैब में सुरक्षा प्रोटोकॉल के ठीक इंतजाम नहीं
रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि वुहान लैब में सुरक्षा प्रोटोकॉल के ठीक इंतजाम नहीं थे। जुलाई, 2019 में वेस्ट ट्रीटमेंट सिस्टम के लिए 1.5 मिलियन डॉलर की मांग की गई. इसमें कहा गया है कि वुहान लैब में चीनी वैज्ञानिक इंसानों को संक्रमित करने के लिए कोरोना वायरस को बदलने के लिए काम कर रहे थे। इस तरह के हेरफेर को छिपाया जा सकता था। वुहान लैब को अमेरिका और चीनी सरकार दोनों से भारी फंडिंग मिल रही थी। अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फौसी ने भी वुहान लैब को हजारों डॉलर की फंडिंग दी जाने की बात को स्वीकार किया है।
बाइडन ने भी एजेंसियों को वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने का जिम्मा सौंपा
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी खुफिया एजेंसियों को वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने का जिम्मा सौंपा है। मैककॉल की रिपोर्ट इस प्रयास के बिल्कुल समानांतर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैज्ञानिकों ने भी वायरस की उत्पत्ति को लेकर जांच की और इसके लिए उन्होंने वुहान शहर का दौरा किया था। वुहान वही शहर है, जहां दिसंबर 2019 में कोविड का पहला मामला सामने आया था। संगठन के मुताबिक वायरस प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ और जानवरों के जरिए इंसानों तक पहुंचा था। हालांकि, अमेरिका इस रिपोर्ट को लेकर संशय में था।