सीबीआइ के प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा कि यह आरोप लगाया गया था कि एनटीसी लिमिटेड और निजी कंपनी के अधिकारियों ने सांठगांठ कर मुंबई में सरकारी मिल की खुली जमीन को मौजूदा दर से बहुत सस्ते में निजी कंपनी को लीज पर दे दिया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने मुंबई में सरकारी कपड़ा मिल की जमीन एक निजी कंपनी को गलत तरीके से देने के मामले में नेशनल टेक्सटाइल कार्पोरेशन (एनटीसी) के पूर्व चेयरमैन सह प्रभारी प्रबंध निदेशक आरके शर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। मिल की खुली जमीन 2009 में लीज और लाइसेंस के आधार पर निजी कंपनी को दी गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि ग्रेटर मुंबई में विशेष सीबीआइ अदालत में यह आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि इस लीज के चलते एनटीसी को 64.35 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
सीबीआइ ने इस मामले में 29 जुलाई, 2019 को सात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था, इनमें कंपनी के तत्कालीन निदेशक, एनटीसी लिमिटेड के कंपनी सेक्रेटरी और मुंबई स्थित निजी कंपनी के अधिकारी शामिल थे।
सीबीआइ के प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा कि यह आरोप लगाया गया था कि एनटीसी लिमिटेड और निजी कंपनी के अधिकारियों ने सांठगांठ कर मुंबई में सरकारी मिल की खुली जमीन को मौजूदा दर से बहुत सस्ते में निजी कंपनी को लीज पर दे दिया।
शर्मा के अलावा एनटीसी के जिन अधिकारियों को आरोपित बनाया गया है उनमें तत्कालीन निदेशक (वित्त) बृजेंद्र कुमार मिश्र, तत्कालीन महा प्रबंधन सह कार्यालय प्रभारी वसंत दिनकर जोपे, तत्कालीन प्रबंधक (सामग्री एवं संपत्ति बिक्री) सुभाष जे चौधरी, तत्कालीन कंपनी सेक्रेटरी (एएस) राजेश्वर कुमार शर्मा शामिल हैं।
इसके अलावा एमई इंफ्रा-प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पीयूष मेहता को भी आरोपित बनाया गया है। सीबीआइ प्रवक्ता ने बताया कि मामले की तहकीकात के दौरान सभी आरोपियों के ठिकानों पर छापे मारे गए थे जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे।