अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस बात की समीक्षा की जा रही है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती कितनी जायज थी। अमेरिका के लिए यह कितना महंगा सौदा साबित हुआ है।
वाशिंगटन, एजेंसी। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस बात की समीक्षा की जा रही है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती कितनी जायज थी। अमेरिका के लिए यह कितना महंगा सौदा साबित हुआ है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अब अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सभी अमेरिकी सैनिक 11 सितंबर से पहले अफगानिस्तान से वापस आ जाएं। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप की एक मई 2021 की समयसीमा को आगे बढ़ा दिया है।
अक्टूबर, 2001 में अफगानिस्तान पर आक्रमण किया
दरअसल, अमेरिका ने तालिबान को सत्ता से बाहर करने के लिए अक्टूबर, 2001 में अफगानिस्तान पर आक्रमण किया था। अमेरिका का आरोप था कि अफगानिस्तान में तालिबान हुकूमत ओसामा बिन लादेन और अल-कायदा से जुड़े दूसरे आतंकवादी संगठनों को पनाह दे रहा है। अमेरिका अपने यहां आतंकी हमलों के लिए लादेन और अल कायदा को जिम्मेदार मानता है। यही से तालिबान और अमेरिका के जंग की शुरुआत मानी जाती है। अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान से लड़ने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं और बड़ी संख्या में सैनिक भेजे। इतना ही नहीं अमेरिका ने अफगानिस्तान में पुननिर्माण पर भी खर्च किया है।
युद्ध के दौरान अमेरिकी सैनिकों की संख्या एक लाख के पार
युद्ध के दौरान एक समय अमेरिकी सैनिकों की संख्या एक लाख दस हजार तक पहुंच गई थी। अमेरिकी सरकार के डाटा के अनुसार वर्ष 2010 से 2012 के बीच जब अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या एक लाख को पार कर गई थी। अफगान युद्ध पर अमेरिका का सालाना खर्च 100 अरब डॉलर को पार कर गया था। पिछले वर्ष दिसंबर तक अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या चार हजार रह गई थी। इस वर्ष सैनिकों की संख्या और भी कम हो गई है।
रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिकी कांग्रेस को दी ये जानकार
वर्ष 2018 में अफगानिस्तान में वार्षिक खर्च 45 अरब डॉलर था। रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिकी कांग्रेस को ये जानकारी दी थी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अफगानिस्तान युद्ध पर अक्टूबर 2001 से सितंबर 2019 के बीच 778 अरब डॉलर खर्च हुए। इसके अलावा अफगानिस्तान विकास परियोजनाओं पर 44 अरब डॉलर खर्च किए हैं। अमेरिका के अधिकारिक डाटा के मुताबिक वर्ष 2001 से 2019 के बीच अमेरिका ने अफगानिस्तान में कुल 822 अरब डॉलर खर्च किए। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अमेरिकी खर्च पर ब्राउन यूनिवर्सिटी में वर्ष 2019 में हुए एक शोध के मुताबिक अमेरिका ने लगभग 978 अरब डॉलर खर्च किए हैं। इस शोध में आगे कहा गया है कि अफगानिस्तान में खर्च का सही आकलन करना मुश्किल है, क्योंकि सरकार के अलग-अलग विभागों में खर्चों की गणना अलग-अलग तरह से की जाती है।
10 वर्षों में 19 अरब डॉलर का नुकसान
अफगानिस्तान में अमेरिका के पुनर्निर्माण प्रयासों पर नजर रखने वाली एजेंसी ने अक्तूबर 2020 में अमेरीकी कांग्रेस में पेश अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मई 2009 से दिसंबर 2019 के बीच 19 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। वर्ष 2001 में तालिबान के खिलाफ जंग शुरू होने के बाद से 2300 से अधिक अमेरिकी सैनिक जान गंवा चुके हैं, जबकि 20660 सैनिक लड़ाई के दौरान घायल हुए हैं। ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोध के मुताबिक अक्टूबर 2001 में युद्ध शुरू होने के बाद से 64,100 से अधिक अफगान सैनिक और पुलिसकर्मी मारे गए हैं।