राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द आज शनिवार को प्रयागराज में छह घंटे तक रहे । हाई कोर्ट में कार्यक्रम में वे शामिल हुए। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सीवी रमन्ना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
प्रयागराज । राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने शनिवार को प्रयागराज में भारत के चौथे और देश के सबसे बड़े 150 साल पुराने ऐतिहासिक इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्याय व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया। उम्मीद जताई कि सभी तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने में हम सफल रहेंगेे। एशिया के सबसे बड़े हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सीवी रमना, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मल्टी लेवल पार्किंग, एडवोकेट्स चैैंबर के कार्य का शिलान्यास करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश में सबसे पहले 1931 में यहीं महिला वकील बनीं थीं।
सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला जजों की नियुक्ति का राष्ट्रपति ने किया उल्लेख
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला जजों की नियुक्ति का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि न्यायपूर्ण समाज की स्थापना महिलाओं की भागीदारी से ही सुनिश्चित होगी। अभी न्यायपालिका में महिलाओं की भागीदारी 12 फीसद ही है। उन्होंने कहा कि हमें यह विश्वास बढ़ाना होगा कि न्याय सभी की पहुंच में है। विश्वास जताया कि झलवा में बनाए जाने वाला उप्र नेशनल ला यूनिवर्सिटी विश्व स्तरीय विधि शिक्षा का केंद्र बनेगा। यहां से निकले विद्यार्थी न्यायपूर्ण सामाजिक आर्थिक विकास के वाहक बनेंगे। नालेज सुपर पावर बनने की दिशा में भी विश्वविद्यालय सहायक होगा। प्रयागराज से उत्तम जगह इस विश्वविद्यालय के लिए नहीं हो सकती थी।
स्वामी विवेकानंद का किया जिक्र
शिकागो में स्वामी विवेकानंद के संबोधन का जिक्र भी राष्ट्रपति ने अपने 15 मिनट के भाषण में किया। कहा कि 128 वर्ष पूर्व इसी दिन स्वामी विवेकानंद ने भारत का जयघोष किया था। उनके संबोधन के मर्म को दुनिया ने स्वीकार कर लिया होता तो शायद अमेरिका में 9/11 नहीं होता। राष्ट्रपति का कहना था कि भारतीय न्यायपालिका तथा केंद्र और राज्य सरकारें मिल कर कार्य कर रही हैं। उन्होंने मदन मोहन मालवीय, मोतीलाल नेहरू, तेज बहादुर सप्रू व कैलाश नाथ काटजू जैसे अधिवक्ताओं का उल्लेख भी किया।
विधि विश्वविद्यालय मील का पत्थर साबित होगा : राज्यपाल आनंदी बेन
इससे पहले यूपी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कुंभ नगरी की ऐतिहासिक पौराणिक पृष्ठभूमि बताते हुए उम्मीद जताई कि विधि विश्वविद्यालय मील का पत्थर साबित होगा। कानूनी शिक्षा की गुणवत्ता के लिए इसे जरूरी बताया और उम्मीद जताई कि यहां से शिक्षित युवा न्याय दिलाने में सक्षम होंगे।
जन सामान्य तक सस्ता व सहज न्याय दिलाने के प्रति कटिबद्ध : सीजेआइ
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सीवी रमन्ना ने संबोधन की शुरुआत हिंदी में की लेकिन फिर अंग्रेजी में बोले। कुंभ नगरी में आगमन को अपने लिए गौरव का विषय बताया। कहा कि महात्मा गांधी ने इसी धरती से ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ शांति पूर्ण युद्ध की शुरुआत की थी। हम जनसामान्य तक सस्ता व सहज न्याय दिलाने के प्रति कटिबद्ध हैैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट का इतिहास डेढ़ सौ साल पुराना है। यहां के जज जगमोहन लाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को रद करने का फैसला दिया था। सच्चिदानंद सिन्हा, मोतीलाल नेहरू, महामना मदन मोहन मालवीय व जगमोहन लाल सिन्हा का उल्लेख सीजेआई ने भी अपने संबोधन में किया।
ला यूनिवर्सिटी का नाम प्रथम राष्ट्रपति के नाम हो : सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना था कि जिन कार्यों का शिलान्यास हो रहा है वह अर्से से लंबित थे। कुंभ में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की मुहिम हुई तो उच्च न्यायालय से सहयोग मिला। लोग बाधा नहीं डाल पाए। उन्होंने लॉ यूनिवर्सिटी का नाम देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रखने का सुझाव दिया। कहा कि उनका संगमनगरी से आत्मीय नाता था। अपने जीवन काल में वह हर कुंभ में आए। कानून मंत्री ने प्रयागराज को ऐतिहासिक शहर बताया। साथ ही भारत सरकार की तरफ से न्यायपालिका को मजबूती देने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। कहा कि ज्युडीशियरी, लोअर ज्युडीशियरी को मदद देने के लिए जो भी संसाधन मुहैया कराना होगा, वह हम कराएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए प्रतिबृद्ध हैैं। स्वागत संबोधन मुख्य कार्यवाहक न्यायाधीश एमएन भंडारी ने दिया। मंचासीन अतिथियों में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायमूर्ति कृष्णमुरारी, न्यायमूर्ति विक्रमनाथ भी थे। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के पश्चात दीप प्रज्ज्वलन से हुई।
पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलने पहुंचे राष्ट्रपति
उत्तर प्रदेश के पूर्व विधान सभा अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मिलने के लिए राष्ट्रपति उनके घर पहुंचे। हाई कोर्ट में कार्यक्रम समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति ने उनके निवास पर जाकर हालचाल लिया। इसके बाद वह हेलीकाप्टर से वायुसेना स्टेशन बमरौली पहुंचे और वहां से विमान में दिल्ली रवाना हो गए।
राष्ट्रपति का प्रयागराज में छह घंटे का रहा कार्यक्रम
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द शनिवार को तकरीबन छह घंटे तक संगमनगरी में रहे। ऐतिहासिक इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रधानपीठ परिसर में मल्टी लेवल पार्किंग, अधिवक्ता चैंबर का शिलान्यास करने के अतिरिक्त उन्होंने झलवा में निर्मित होने वाले राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की आधारशिला भी रखी। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना, कानून मंत्री किरन रिजिजू और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस आयोजन में मौजूद रहे।
वरिष्ठ अधिवक्ता के तैल चित्र का अनावरण
हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एबी सरन के तैल चित्र का राष्ट्रपति ने अनावरण किया। इस दौरान उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। राष्ट्रपति सर्किट हाउस से हाई कोर्ट स्थित समारोह स्थल पर पहुंचे। उनके साथ चीफ जस्टिस आफ इंडिया भी थे। समारोह स्थल पर दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रपति ने उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति का काफिला सर्किट हाउस से हाई कोर्ट स्थित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा। हाई कोर्ट के मुख्य गेट नंबर तीन से राष्ट्रपति का काफिला हाई कोर्ट में प्रवेश किया। इस दौरान रास्ते में वाहनों को रोक दिया गया है और पुलिस की तगड़ी व्यवस्था रही। चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात रहे।
प्रयागराज में बमरौली एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया गया। सेना के अधिकारियों के अलावा उनका स्वागत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रयागराज की महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने किया।
सुबह प्रयागराज की महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को एयरपोर्ट पर शहर की चाबी भेंट की। इसके बाद राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री हेलीकाप्टर से हाई कोर्ट के निकट पोलो ग्राउंड पहुंचे। वहां से सर्किट हाउस पहुंचे।