भूखंड लखनऊ विकास प्राधिकरण का हैं और दलाल उन्हें बेच रहे हैं। लविप्रा इस पूरे सिस्टम से अंजान है। महीनों से चल रहे खेल को जिस गति से प्राधिकरण को रोकना चाहिए था वह नहीं हुआ। इससे दलालों के गिरोह ने कई भूखंड और बेच दिए।
लखनऊ । भूखंड लखनऊ विकास प्राधिकरण का हैं और दलाल उन्हें बेच रहे हैं। लविप्रा इस पूरे सिस्टम से अंजान है। महीनों से चल रहे खेल को जिस गति से प्राधिकरण को रोकना चाहिए था, वह नहीं हुआ। इससे दलालों के गिरोह ने कई भूखंड और बेच दिए। वहीं सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार द्वारा रजिस्ट्री की प्रतियां जो सत्यापित करवाने के लिए रजिस्ट्री आफिस भेजी थी, उनमें कई और फर्जी मिली हैं। एक भूखंड ऐसा मिला है, जिसको रजिस्ट्री लविप्रा ने की, लेकिन वर्तमान में उस भूखंड को दलाल गलत तरीके से बेच दिए और मूल आंवटी शांत रहा। लविप्रा पता कर रहा है कि मूल आवंटी जीवित भी है या नहीं।
यही नहीं फर्जी रजिस्ट्री में स्टंप को कुरेदा गया है और दस्तावेजों में छेड़छाड़ की गई है। खासबात है कि लेखा से सत्यापन पर पता चला कि इनका पैसा भी जमा नहीं है। वहीं ओसडी अमित राठौर ने सभी फर्जी भूखंडों सूची बनवाकर एक से डेढ़ सप्ताह में स्थलीय निरीक्षण और जांच को अंजाम तक पहुंचाने की बात कही है। लविप्रा के बाबुओं, पूर्व अफसरों और दलालों का गठजोड़ इतना मजबूत रहा कि तमाम कोशिश के बावजूद लविप्रा सिर्फ 2/1 बी विक्रांत खंड के 200 वर्ग मीटर भूखंड पर अपना दावा कर सका। कही दूसरे पक्ष ने स्टे ले लिया तो कही महीनों से नक्शा निरस्त की कार्रवाई ही चल रही है। यह स्थिति तब है जब लविप्रा को पता है कि भूखंड की रजिस्ट्री बाहर ही बाहर हुई है। लविप्रा अफसर विराम खंड एक स्थित तीन सौ वर्ग मीटर के भूखंड पर जल्द ही कब्जा लेने की तैयारी में है।
इन भूखंडों से लविप्रा दूरः 3/222 ए विनम्र खंड, 6/24ए, एमआइजी मकान विपुल खंड, 3/362, 200 वर्ग मी. विकल्प खंड, 3/88, 200 वर्ग मी. विशेष खंड, 200 वर्ग मीटर, 1/10 एच विकल्प खंड, 1/76 बी, 162 वर्ग मी. विपुल खंड, 3/106, 72 वर्ग मी. विभूति खंड, 3/43, 112 वर्ग मी. विभूति खंड, 2/37ई, 112 वर्ग मी. विक्रांत खंड, 2/1बी, 300 वर्ग फेस टू विक्रांत खंड, 4/80, 300 वर्ग मी., विराम खंड हैं।