रायबरेली में शोहदे की हरकतों से तंग छात्रा ने छोड़ी पढ़ाई, पीड़िता के घर पर फेंके गए आपत्तिजनक पत्र,

सोमवार को मामले की शिकायत पुलिस तक पहुंची तो उसने आरोपित की तलाश शुरू कर दी। प्रकरण सरेनी थाने का है। छात्रा को परेशान करने वाला युवक उसकी ननिहाल के पास में रहता है। दोनों के गांव सरेनी थाना क्षेत्र में हैं।

 

रायबरेली, मनचले की प्रताड़ना से परेशान इंटरमीडिएट की छात्रा एक सप्ताह से कालेज नहीं जा रही है। उसे और उसके परिवारजन को जान-माल की धमकी दी जा रही है। सोमवार को मामले की शिकायत पुलिस तक पहुंची तो उसने आरोपित की तलाश शुरू कर दी। प्रकरण सरेनी थाने का है। छात्रा को परेशान करने वाला युवक उसकी ननिहाल के पास में रहता है। दोनों के गांव सरेनी थाना क्षेत्र में हैं। सोमवार को पीड़िता मां के साथ थाने पहुंची और बताया कि पिछले एक माह से उसको राह चलते प्रताड़ित किया जा रहा है। चाकू और कट्टा दिखाकर धमकाया जा रहा है। मनचले की बात न मानने पर आए दिन जानमाल की धमकी मिल रही है। इसी वजह से वह एक सप्ताह से कालेज नहीं जा रही है।

सोमवार की सुबह उसके घर पर व रिश्तेदारी में उसी युवक ने अश्लील शब्दों का प्रयोग कर लिखे पत्र फेंके। इसपर जब छात्रा, मां के साथ आरोपित के घर उलाहना देने गई तो जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया गया। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई। सीओ डा. अंजनी कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। आरोपित को पकड़ने के लिए पुलिस टीम भेजी गई है। महिला बीट अधिकारी को इस संबंध में सही जानकारी इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए हैं। छात्रा को परेशान करने वाले को जल्द ही जेल भेजा जाएगा।

सवालों के घेरे में मिशन शक्ति अभियान : आधी आबादी को कानून की जानकारी देने, उन्हें त्वरित न्याय दिलाने के लिए गांव-गांव मिशन शक्ति कक्ष खोले गए हैं। महिला बीट अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। दावे किए जा रहे हैं कि अभियान से माहौल बेहतर हो रहा है, लेकिन ये प्रकरण फिर से पुलिसिया कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है। 12वीं की छात्रा को एक माह से परेशान किया जा रहा है, लेकिन इसकी जानकारी पुलिस को नहीं है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि पुलिस का अभियान हकीकत से परे है।

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