क्या आप जानते हैं कि दोनों देशों के संबंधों के बीच इस फिंगर का रोल क्या है। भारत के लिए फिंगर-4 क्यों महत्पूर्ण है। आइए हम आपको बताते हैं सारे फिंगर क्षेत्र के बारे में। इसके साथ ही एलएसी के बारे में भी जहां लेकर विवाद बना हुआ है
बीजिंग/नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर खबरों में पैंगोंग झील, फिंगर-4 क्षेत्र और एलएसी का जिक्र लगातार हो रहा है। हाल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसका जिक्र किया है। फरवरी महीने में कहा जा रहा था कि चीन ने फिंगर-4 क्षेत्र को खाली करना शुरू कर दिया है। यह भी कहा गया था कि चीन ने यहां अपने निर्माण कार्य को भी ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। इसे भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा गया। क्या आप जानते हैं कि दोनों देशों के संबंधों के बीच इस फिंगर का रोल क्या है। भारत के लिए फिंगर-4 क्यों महत्पूर्ण है। आइए हम आपको बताते हैं सारे फिंगर क्षेत्र के बारे में। इसके साथ ही एलएसी के बारे में भी जहां लेकर विवाद बना हुआ है।
भारत-चीन के संबंधों में फिंगर बड़ा फैक्टर
1- भारत और चीन के बीच फिंगर-4 और फिंगर-8 को लेकर अब भी जटिल स्थिति बनी हुई है। आखिर ये फिंगर्स क्या हैं ? दरअसल, कुछ वर्षों से चीन पैंगोंग झील के किनारे सड़कों का जाल बिछा रहा है। इसकी शुरुआत चीन ने तब किया था, जब 1999 में भारत अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से करगिल की लड़ाई में उलझा हुआ था। तब चीन ने मौके का फायदा उठाते हुए इस क्षेत्र में सड़कों का निर्माण कार्य शुरू किया। चीन ने भारत की सीमा में झील के किनारे पांच किलोमीटर लंबी सड़क बनाई थी।
2- दरअसल, पेंगोंग झील के किनारे बंजर पहाड़ियां हैं। इन्हें स्थानीय भाषा में छांग छेनमो कहते हैं। इन पहाड़ियों के उभरे हुए भाग को भारतीय सेना फिंगर कहती है। पैंगोंग झील के किनारे पहाड़ की आकृति कुछ इस तरह से है कि यह अंगुलियों की तरह प्रतीत होती है। इसीलिए इन्हें फिंगर कहा जाता है। इनकी कुल संख्या आठ है।
3- भारत का दावा है कि एलएसी की सीमा फिंगर-8 तक है, जबकि चीन का दावा है कि फिंगर-2 तक ही एलएसी है। आठ वर्ष पूर्व चीन की सेना ने फिंगर-4 पर स्थाई निर्माण की कोशिश की थी। उस वक्त भारत के विरोध के कारण इसे ध्वस्त कर दिया गया। भारत का नियंत्रण फिंगर-4 तक ही है। फिंगर-8 पर चीन का सैन्य पोस्ट है।
4- पेट्रोलिंग के दौरान दोनों देशों की सेना का आमना-सामना होता है। ताजा तनाव के बाद भारतीय सेना ने अपनी गश्ती को फिंगर-8 तक कर दिया है। मई में भारत और चीन के सैनिकों के बीच फिंगर-5 के इलाके में संघर्ष हुआ था। चीन की सेना ने भारतीय सैनिकों को फिंगर-4 से आगे बढ़ने से रोक दिया था।
आखिर क्या है एलएसी
एलएसी भारत-चीन के बीच वह रेखा है, जो दोनों देशों की सीमाओं को अलग-अलग करती है। दोनों देशों की सेनाएं एलएसी पर अपने-अपने क्षेत्र में लगातार गश्त करती है। भारत-चीन सीमा को विभक्त करने वाली एलएसी तीन सेक्टरों में बंटा हुआ है। पहला सेक्टर अरुणाचल प्रदेश से लेकर सिक्कम तक है। दूसरा सेक्टर हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड से सटा हुआ है। तीसरा सेक्टर लद्दाख है। पूर्वी लद्दाख एलएसी के पश्चिमी सेक्टर का निर्माण करता है, जो कि काराकोरम पास से लेकर लद्दाख तक आता है। दक्षिण में चुमार है, जो पूरी तरह से हिमाचल प्रदेश से जुड़ा है। यह पैंगोंग झील, पूर्वी लद्दाख में 826 किलोमीटर के बॉर्डर के केंद्र के एकदम करीब है।