सलमान खान के इस शो में दोस्ती का भी एक चेहरे देखने को मिलता है। वहीं बहुत बार कंटेस्टेंट्स गेम को जीतने के लिए कुछ ऐसा काम भी कर देते जिसके लिए उन्हें बाद में अफसोस का सामना भी करना पड़ता है।
नई दिल्ली, बिग बॉस 15 के घर में कभी कंटेस्टेंट्स के बीच झगड़ा और कभी प्यार देखने को मिलता है। सलमान खान के इस शो में दोस्ती का भी एक चेहरे देखने को मिलता है। वहीं बहुत बार कंटेस्टेंट्स गेम को जीतने के लिए कुछ ऐसा काम भी कर देते जिसके लिए उन्हें बाद में अफसोस का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा ही कुछ अभिनेत्री शमिता शेट्टी के साथ हुआ है।
शमिता शेट्टी बिग बॉस 15 में लगातार अपने खेल और रणनीति से काफी सुर्खियां बटोर रही हैं। वह बिग बॉस की ओर से दिए गए टास्क को करने के लिए भी हर तरह की रणनीति अपना रही हैं। हाल ही में बिग बॉस 15 के घर में जंगलवासियों और घरवासियों के बीच ‘जंगल में खुंखार दंगल’ टास्क हुआ। इस टास्क के दौरान घरवासियों ने टास्क जीतने के लिए जंगलवासियों की निजी चीजों को खराब करने की कोशिश भी की।
इस टास्क में शमिता शेट्टी ने मायशा अय्यर के सैंडल को बर्बाद कर दिया। जिसके लिए अब उन्हें काफी अफसोस हो रहा है। दरअसल ‘जंगल में खुंखार दंगल’ टास्क खत्म होने के बाद मायशा अय्यर इमोशनल हो जाती हैं। वह प्रतीक सहजपाल से कहती हैं कि वह उनके बारे में सब जनाते हैं कि उन्हें बिग बॉस के घर से बाहर कोई भी जरूरी सामना देने वाला नहीं है। जिसके बाद प्रतीक सहजपाल मायशा से माफी मांगते हुए उन्हें गले लगा लेते हैं।
इसके बाद जब मायशा किचन में खाना बना रही होती हैं तो शमिता प्रतीक सहजपाल से पूछती हैं कि मायशा ऐसा क्यों बोल रही थीं कि घर के बाहर उनका कोई नहीं हैं। इस पर प्रतीक शमिता उन्हें बताते हैं कि मायशा के माता-पिता इस दुनिया में नहीं हैं। जिसके बाद शमिता शेट्टी इमोशनल हो जाती हैं और रोने लगती हैं। कुछ देर बाद प्रतीक और शमिता मायशा को अपने पास बुलाते हैं।
इसके बाद शमिता शेट्टी मायशा के अपने सैंडल कनेक्शन्स को दिखाते हुए कहती हैं कि उन्हें जो पसंद है वह ले लें और उनसे दोबारा से माफी मांगती हैं। हालांकि मायशा सैंडल लेने से इनकार कर देती हैं, लेकिन शमिता उन्हें सैंडल पसंद करने के लिए दवाब डालती हैं। इसके बाद मायशा शमिता से कहती हैं कि जंगलवासी होने के नाते उन्हें शमिता की कोई भी चीज लेने की अनुमति नहीं है। शमिता कहती हैं कि उन्होंने सैंडल अपने बॉक्स में रखी हैं और वह जब चाहें उन्हें लेकर जा सकती हैं। मायशा शमिता से कहती है कि उनके जूते उनके जितने महंगे नहीं थे। शमिता उसे इसके बारे में न सोचने के लिए कहती है और कहती है, ‘मैं इसे बॉक्स में रख रही हूं।’