इसी महीने की 18 तारीख को होने जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान सत्रहवीं विधानसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। विधानसभा अध्यक्ष ह्दय नारायण दीक्षित ने उपाध्यक्ष के निर्वाचन को 18 अक्टूबर की तारीख घोषित कर दी है। उपाध्यक्ष का निर्वाचन सोमवार को सुबह 11 बजे विधानसभा मंडप में होगा।
लखनऊ, इसी महीने की 18 तारीख को होने जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान सत्रहवीं विधानसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। विधानसभा अध्यक्ष ह्दय नारायण दीक्षित ने उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए 18 अक्टूबर की तारीख घोषित कर दी है। उपाध्यक्ष का निर्वाचन सोमवार को सुबह 11 बजे विधानसभा मंडप में होगा। विधानसभा सचिवालय ने सत्र की तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभा का यह इस वर्ष तीसरा सत्र होगा।विधानसभा के तीसरे सत्र के केंद्र में सदन के उपाध्यक्ष का निर्वाचन है।
पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल के पुत्र व हरदोई सदर सीट के सपा विधायक नितिन अग्रवाल का विधानसभा उपाध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। भाजपा में शामिल हो चुके नितिन कागजों में अब भी सपा विधायक हैं। विधानसभा चुनाव के लिए वैश्य बिरादरी पर नजर जमाए भाजपा उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष बनाना चाहती है। सदन में भाजपा का प्रचंड बहुमत होने के नाते उनका विधानसभा उपाध्यक्ष बनना तय है।
विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए नामांकन पत्र 17 अक्टूबर को सुुबह 11 से दोपहर एक बजे तक भरकर प्रमुख सचिव विधानसभा को प्रस्तुत किये जा सकेंगे। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने बताया कि विधानसभा का कोई भी सदस्य किसी दूसरे सदस्य के नामांकन के लिए नामांकन पत्र भरकर प्रस्तुत कर सकता है। नामांकन पत्र प्रमुख सचिव विधानसभा के कार्यालय से प्राप्त किये जा सकते हैं।
प्रमुख सचिव विधानसभा की ओर से सदन के सभी सदस्यों को तीसरे सत्र का कार्यक्रम बुधवार को जारी कर दिया गया है। तीसरे सत्र के दौरान औपचारिक कार्य जैसे कि अध्यादेशों, अधिसूचनाओं व नियमों को सदन के पटल पर रखा जाएगा। सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश औद्योगिक शांति (मजदूरी का यथासमय संदाय) (संशोधन) अध्यादेश, 2021 के प्रतिस्थानी विधेयक समेत कुछ अन्य विधेयकों को भी सदन में पेश किये जाने की संभावना है।
विधानसभा के तीसरे सत्र के लिए सदन की कार्यमंत्रणा समिति व सर्वदलीय समिति की बैठक 17 अक्टूबर को प्रस्तावित है। सत्र की तैयारियों के लिए विधानसभा सचिवालय शनिवार और रविवार को अवकाश के दिनों में भी खुला रहेगा। चूंकि विधान परिषद का सत्र नहीं बुलाया गया है इसलिए किसी भी तरह के विधेयक आदि के पारित होने की कोई संभावना नहीं है।