शाहजहांपुर में अधिवक्‍ता की हत्या को लेकर लखनऊ में वकीलों का जोरदार प्रदर्शन, पुलिस से झड़प; फूंका पुतला

शाहजहांपुर में वकील की हत्या को लेकर बुधवार को लखनऊ में अधिवक्‍ताओं ने जमकर हंगामा किया। कैसरबाग में जिला सत्र न्‍यायलय के बाहर वकीलों ने जोरदार प्रदर्शन किया। वहीं वकीलों ने सरकार का पुतला फूंककर अपना विरोध जताया।

 

लखनऊ,  शाहजहांपुर में वकील की हत्या कांड को लेकर बुधवार को लखनऊ में अधिवक्‍ताओं ने जमकर हंगामा किया। कैसरबाग में जिला सत्र न्‍यायलय के बाहर वकीलों ने जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। अधिवक्‍ताओं ने सरकार का पुतला फूंककर अपना विरोध जताया। इस बीच जिला सत्र न्‍यायलय के बाहर भीषण जाम लग गया। लोगों को वहां से निकलने में पसीने छूट गए। प्रदर्शन रोकने को लेकर पुलिस प्रशासन और वकीलों के बीच झड़प भी हुई। वहीं वकीलों ने स्थानीय पुलिस को ज्ञापन भी सौंपा।

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लखनऊ बार एसोसिएशन के महामंत्री जीतू यादव के नेतृत्व में कई अधिवक्‍ता जिला सत्र कोर्ट के बाहर नारेबाजी करते हुए आगे बढ़े। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश, लेकिन वकील नहीं माने। थोड़ी देर धक्का मुक्की के बाद के वकीलों ने उन्‍हें ज्ञापन सौंप दिया। वकीलों की मांग थी कि शाहजहांपुर के मामले में सरकार लापरवाही बरत रही है, मामले में शीघ्र कार्रवाई की जाए, उन्‍होंने मृतक अधिवक्‍ता के परिवार को पचास लाख रुपये देने की मांग की, पत्‍नी को सरकारी नौकरी व उनके बच्‍चों को निशुल्‍क शिक्षा देने के साथ साथ परिवार को सुरक्षा व्‍यवस्‍था प्रदान करने की मांग की। इसके अलावा अधिवक्‍ताओं को आत्‍म सुरक्षा के लिए लाइसेंस जारी करने की मांग भी की।

 

शाहजहांपुर में सोमवार को एक वकील की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। सदर बाजार थाना क्षेत्र के मुहल्ला बीबीजई हद्दफ निवासी अधिवक्ता भूपेंद्र प्रताप सिंह की चौक कोतवाली क्षेत्र निवासी अधिवक्ता सुरेश चंद्र गुप्ता से मुकदमेबाजी चल रही थी। दोनों ने एक दूसरे पर विभिन्न आरोपों में 20 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कराए थे। इसको लेकर आपस में कई बार विवाद भी हुआ था। सोमवार को पूर्वाह्न करीब पौने 12 बजे भूपेंद्र अदालत परिसर स्थित रिकार्ड रूम में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम के कार्यालय पटल पर पहुंचे। वहां लिपिक अमित मिश्र लिपिक से एक मुकदमे की फाइल के बारे में पूछा। तभी अचानक गोली चली जो भूपेंद्र के दायें कान के पीछे लगी। इससे कार्यालय में अफरा तफरी मच गई। शोर मचाने पर सुरक्षाकर्मी वहां पहुंचे। तब तक भूपेंद्र की मौत हो चुकी थी।

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