दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी लेकिन बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती दबाव, जानें कैसा रहेगा मौसम,

दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरे देश से वापसी कर ली है। इस साल मानसून ने 46 साल में सातवीं बार सबसे देरी से वापसी है। हालांकि दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती दबाव विकसित हो रहा है जिससे एकबार फिर मौसम के बेपटरी होने की आशंका है।

 

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरे देश से वापसी कर ली है। मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि इस साल मानसून ने 46 साल में सातवीं बार सबसे देरी से वापसी है। हालांकि दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती दबाव विकसित हो रहा है जिससे एकबार फिर मौसम के बेपटरी होने की आशंका है। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने मौसम विभाग के हवाले से बताया है कि अब पूर्वोत्तर मानसून की बारी है जो अक्टूबर से दिसंबर तक दक्षिणी राज्यों में बारिश लाता है। विभाग की मानें तो इसके सामान्य रहने की संभावना है।

मौसम विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सोमवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरे देश से वापसी कर ली। सन 1975 के बाद से ऐसा सातवीं बार हुआ है जब दक्षिण-पश्चिम मानसून ने देर से वापसी की है। हालांकि दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी एवं आस-पास के इलाकों में मंगलवार तक एक चक्रवाती परिसंचरण के विकसित होने की संभावना है। इसके पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके चलते अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों में एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है।

वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ ने मौसम विभाग के हवाले से बताया है कि अब पूर्वोत्तर मानसून की बारी है जो अक्टूबर से दिसंबर तक दक्षिणी राज्यों में बारिश लाता है। मौसम विभाग का कहना है कि पूर्वोत्तर मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। बयान में कहा गया है कि उत्तरपूर्वी हवाओं के साथ पूर्वोत्तर मानसून की बारिश 25 अक्टूबर को दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में शुरू हो गई है।

वहीं मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी एजेंसी स्‍काइमेट वेदर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उत्तरपूर्वी मानसून के लिए बंगाल की खाड़ी पर मजबूत मौसमी स्थितियां विकसित हो रही हैं। इसकी वजह से अगले 24 घंटों में दक्षिण भारत के विभि‍न्‍न हिस्‍सों में बारिश होने की उम्मीद है। अगले 24 घंटे में तमिलनाडु, केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ ही कुछ इलाकों में भारी बारिश के आसार हैं। वहीं दूसरी ओर पश्चिमी हिमालय पर बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां धीरे-धीरे खत्‍म हो जाएंगी।

 

मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने बयान में कहा कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून की रवानगी 1975 के बाद सातवीं बार सर्वाधिक विलंब से हुई है। आंकड़े बताते हैं कि 2010 और 2021 के बीच दक्षिण-पश्चिमी मानसून 25 अक्टूबर को या उसके बाद पांच बार 2017, 2010, 2016, 2020 और 2021 में देश से गया है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून की छह अक्टूबर को पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे गुजरात से रवानगी शुरू हो गई थी। आमतौर पर उत्तर पश्चिमी भारत से दक्षिण-पश्चिमी मानसून 17 सितंबर से विदा लेना शुरू करता है।

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