सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा हरदोई में एक जनसभा में मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर दिए गए एक बयान पर उत्तर प्रदेश प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनको समझना चाहिए कि भारतीय मुसलमानों का मुहम्मद अली जिन्ना से कोई लेना-देना नहीं है।
लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा हरदोई में एक जनसभा में मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर दिए गए एक बयान पर उत्तर प्रदेश प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। सभी रजनीतिक दलों ने अखिलेश को घेरना शुरू कर दिया है। जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी उनके इस बयान की तीखी आलोचना कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी प्रहार किया है। वहीं आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
एआइएमआइएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने अखिलेश यादव के बयान पर कहा कि उनको समझना चाहिए कि भारतीय मुसलमानों का मुहम्मद अली जिन्ना से कोई लेना-देना नहीं है। हमारे बुजुर्गों ने दो राष्ट्र सिद्धांत को खारिज कर दिया और भारत को अपना देश चुना। अगर अखिलेश यादव सोचते हैं कि इस तरह के बयान देकर वह लोगों के एक वर्ग को खुश कर सकते हैं, तो मुझे लगता है कि वह गलत हैं और उन्हें अपने सलाहकारों को बदलना चाहिए। उन्हें भी खुद को शिक्षित करना चाहिए और कुछ इतिहास पढ़ना चाहिए।
बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी विजय रथ लेकर रविवार को हरदोई पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा कि सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना (मुहम्मद अली) ने एक ही संस्थान में पढ़ाई की। वे बैरिस्टर बन गए और भारत की आजादी के लिए लड़े। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने एक विचारधारा (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाया।