तालिबान की वापसी के बाद आर्थिक बदहाली के दलदल में धंसता जा रहा अफगानिस्‍तान, भयावह हैं हालात

तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के लगभग ढाई महीने हो चुके हैं। आलम यह है कि अफगानिस्‍तान में हालात दिनों-दिन खराब होते जा रहे हैं। अफगानिस्‍तान में बच्चों की हालत बेहद चिंताजनक है। पढ़ें यह रिपोर्ट….

 

ब्रिस्बेन, एजेंसियां। तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के लगभग ढाई महीने हो चुके हैं। आलम यह है कि अफगानिस्‍तान में हालात दिनों-दिन खराब होते जा रहे हैं। अफगानिस्‍तान में बच्चों की हालत बेहद चिंताजनक है। विश्व खाद्य कार्यक्रम के सर्वेक्षण के अनुसार अफगानिस्‍तान में 95 फीसद घरों के लोगों को पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्‍ध नहीं हो पा रहा है। अर्थव्यवस्था ध्‍वस्‍त होने की कगार पर है नतीजतन लोगों की आजीविका पर संकट है।

संयुक्त राष्ट्र लगातार वैश्विक समुदाय से अफगानिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय मदद को बढ़ाने की गुहार लगा रहा है। यही नहीं अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसी की ओर से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की निगरानी करने की अपील की जा रही है। बच्चों के प्रति हिंसा की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन यह खत्म होती नजर आ रही है। अफगानिस्तान में बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा में यौन हमले, घरेलू, पारिवारिक हिंसा और बम धमाके शामिल हैं।

 

अफगानिस्तान में लंबे समय तक चले युद्ध में अनेकों बच्चों ने अपने माता पिता को खो दिया जिनका पालन करने में अनाथालयों की बड़ी भूमिका रही है। मौजूदा वक्‍त में ये अनाथालय आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। आलम यह है कि अनाथालयों में अब बच्चों को पेटभर भोजन मिलने में भी मुश्किलें पेश आ रही हैं। यही नहीं बच्चों को घर पर ज्‍यादा हिंसा झेलनी पड़ रही है। अफगानिस्‍तान में साल 2019 की शुरुआत से 2020 के अंत तक करीब 5700 लड़कियों और बच्चों की हत्या हुई है।

अफगानिस्‍तान में आर्थिक बदहाली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तालिबान सरकार को मजदूरों को पारिश्रमिक के तौर पर रुपए की जगह गेहूं देने के लिए विवश होना पड़ रहा है। तालिबान ने इस योजना के जरिए काबुल में लगभग 40 हजार लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा था। बीते दिनों स्वीडिश मंत्री पेर ओल्सन फ्रिध ने आगाह किया था कि यदि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मदद नहीं की तो अफगानिस्तान अराजकता में डूब जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *