पेरिस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने जनवरी से जून 2020 के बीच अस्पतालों में भर्ती 22 हफ्ते की गर्भवतियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इस दौरान अस्पतालों में 244465 बच्चों ने जन्म लिया जिनमें से 847 यानी 0.36 फीसद की मां कोरोना संक्रमित थीं।
पेरिस, प्रेट्र। फ्रांस में हुए एक हालिया अध्ययन में पता चला है कि सामान्य के मुकाबले कोरोना संक्रमित महिलाओं को गर्भावस्था व प्रसव के दौरान अधिक जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। पीएलओएस मेडिसिन नामक पत्रिका में मंगलवार को प्रकाशित अध्ययन में बताया गया कि शोध में महामारी के शुरुआती छह महीनों के दौरान फ्रांस के अस्पतालों में प्रसव के लिए भर्ती महिलाओं को शामिल किया गया था। शोध निष्कर्ष में कहा गया है कि टीकाकरण महिलाओं और उनके गर्भस्थ शिशुओं की सुरक्षा में कारगर साबित हो सकता है। खासकर, उनके लिए जिन्हें कोविड-19 से संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
पेरिस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने जनवरी से जून 2020 के बीच अस्पतालों में भर्ती 22 हफ्ते की गर्भवतियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इस दौरान अस्पतालों में 2,44,465 बच्चों ने जन्म लिया, जिनमें से 847 यानी 0.36 फीसद की मां कोरोना संक्रमित थीं। अध्ययन में पाया गया कि कोरोना संक्रमण से पीड़ित गर्भवतियों को आइसीयू में भर्ती करने, अंगों के फेल होने व मौत का खतरा ज्यादा रहा। संक्रमित महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप व रक्तस्नाव जैसी जटिलताओं का भी सामना करना पड़ा।
वहीं, एक अन्य अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान कोविड संक्रमण मां व बच्चे के इम्यून सिस्टम पर अलग-अलग प्रभाव छोड़ता है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि कोराना संक्रमण गर्भवतियों की इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है। बिना लक्षण वाली व गंभीर रूप से संक्रमित महिलाओं की इम्यून सिस्टम भी अलग प्रतिक्रियाएं देती हैं। क्लीवलैंड क्लीनिकल ग्लोबल सेंटर फार पैथोजन एंड ह्यूमन हेल्थ रिसर्च के निदेशक जे. जंग ने कहा, ‘हम जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान कोविड संक्रमण से महिलाओं के लिए खतरा बढ़ जाता है। लेकिन, गर्भस्थ शिशुओं से जुड़ी जोखिम के दीर्घकालिक परिणामों के बारे में अपेक्षाकृत कम जानते हैं।’