बेनीगंज क्षेत्र में शुक्रवार की रात कोटेदार और उसके साथी का अपहरण नहीं हुआ था बल्कि कोटेदार ने ही अपने विरोधियों को फंसाने के लिए साजिश रची थी और खुद साथी को लखनऊ के रहीमाबाद ले जाकर गोली मारकर हत्या की थी।
हरदोई, बेनीगंज क्षेत्र में शुक्रवार की रात कोटेदार और उसके साथी का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि कोटेदार ने ही अपने विरोधियों को फंसाने के लिए साजिश रची थी और खुद साथी को लखनऊ के रहीमाबाद ले जाकर गोली मारकर हत्या करने के बाद बाइक से कानपुर पहुंचकर अपने अपहरण का नाटक रचा था। पुलिस ने इस पूरे सनसनीखेज कांड का राजफाश कर आरोपित कोटेदार को जेल भेज दिया है। एसपी अजय कुमार ने बुधवार को पत्रकारों को पूरे मामले की जानकारी दी।
एसपी ने बताया कि शिवथाना के कोटेदार सभाजीत सिंह एक हिस्ट्रीशीटर भी है। उसकी मालपुर के जितेंद्र कुमार शुक्ला, शिवथाना के सुधीर शुक्ला, भिठरिया के सुधाकर तिवारी, अजीत तिवारी और दिलावलपुर के साहब लाल व कुछ अन्य लोगों से रंजिश चल रही है। उन लोगों को फंसाने के लिए सभाजीत ने अपने साथी गयादीन व कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर अपहरण की साजिश रची और गांव से कुछ दूरी पर बाइक को छोड़ दिया। मौके से छह खोखा और एक कारतूस भी फेंक दिया था, जिससे ऐसा लगे कि फायरिंग हुई है, जिसके बाद सभाजीत, गयादीन को लेकर रहीमाबाद के एक बाग में पहुंचा।
वहां आराम से बैठने के बाद सभाजीत ने गयादीन की गोली मारकर हत्या कर दी और वहां से बाइक से कानपुर के बिल्हौर थाना क्षेत्र के अरौल में पहुंच गया। अपने रिश्तेदारों की मदद से ही खुद को बंधवाया और फिर 112 नंबर पर फोन किया था, रविवार को उसके बरामद होने के बाद एएसपी पश्चिमी दुर्गेश सिंह, सीओ सिटी विकास जायसवाल के नेतृत्व में पूरी टीम लगी हुई थी। पूछताछ में सभाजीत ने खुद पूरी कहानी बताई। पुलिस रहीमाबाद बाग में पहुंची तो वहां पर खून और एक खोखा भी बरामद हुआ। फिर पता चला कि रहीमाबाद पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है और इसके बाद परिवारवालों से पहचान कराई।
राजदार को रास्ते से हटाकर विरोधियों को फंसाने की थी साजिश : एसपी ने बताया कि सभाजीत ने कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया है, जिनका गयादीन राजदार था। अपने राजदार को रास्ते से हटाकर विरोधियों को फंसाने के लिए सभाजीत ने पूरी घटना को अंजाम दिया था।
सभाजीत ने बताया था कि कार से गया था गिर : एसपी ने बताया कि सोमवार सुबह पुलिस टीम जब उसे लेकर हरदोई आई तो पहले उसे कुछ नहीं बताया, लेकिन बाद में कहा कि हमलावर उसके हाथ पैर बांधकर कार में लेकर जा रहे थे, लेकिन वह कार से गिर गया था।
रिश्तेदार पुलिस कर्मी का भी आया नाम: सभाजीत के कानपुर पहुंचने में भी राज है। पुलिस सूत्रों के अनुसार उसका एक रिश्तेदार पुलिस में भी है और उसने भी उसकी मदद की। एसपी ने बताया कि कुछ और राज भी सामने आ रहे हैं।