म्यांमार में पत्रकार खतरे के साए में रहते हुए न्यूज कवर कर रहे हैं। फ्रीलांस फोटोग्राफर ‘सोए निंग’ को न्यूज कवरेज करने के लिए अपनी जान गवानी पड़ी। उन्हें 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर यांगून में एक विरोध प्रदर्शन को कवर करते हुए गिरफ्तार किया गया था
पेरिस, म्यांमार में पत्रकारों पर बढ़ते खतरे को लेकर ‘रिपोर्टर्स विदाउट बार्डर्स (RSF)’ ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि म्यांमार में पत्रकार खतरे के साए में रहते हुए न्यूज कवर कर रहे हैं। जिसको लेकर देश चलाने वाले सैन्य अधिकारियों पर प्रतिबंध लगने चाहिए। संस्था के तरफ से यह बयान बीते दिनों में पूछताछ के दौरान मारे गए पत्रकार और तीन अन्य को गिरफ्तार किए जाने के बाद जारी किया गया है।
पूछताछ में पत्रकार की मौत
समाचार एएनआई के मुताबिक, फ्रीलांस फोटोग्राफर ‘सोए निंग’ को न्यूज कवरेज करने के लिए अपनी जान गवानी पड़ी है। उन्हें 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर यांगून में एक विरोध प्रदर्शन को कवर करते हुए गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद आज यानी गुरुवार सुबह उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, हिरासत में पूछताछ के दौरान अत्यधिक बल का इस्तेमाल किए जाने के कारण उनकी मौत हो गई। साथ ही बताया जा रहा है कि दो अन्य पत्रकारों को 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था, जो पूरे देश में मीडिया कर्मियों पर लगातार कठोर कार्रवाई की ओर एक और संकेत है।
आतंक के साए में पत्रकारिता
गिरफ्तार किए गए पत्रकारों में से एक डेमोक्रेटिक वायस आफ बर्मा की रिपोर्टर आंग सान लिन हैं। जिन्हें उनके घर से आधी रात को गिरफ्तार किया गया था। वहीं दूसरे पत्रकार मिन थेक टुन हैं, जिन्हें 11 अन्य लोगों के साथ मोनिवा में एक विरोध प्रदर्शन को कवर करते हुए गिरफ्तार किया गया था। हिरासत में लिए गए पत्रकारों में से किसी को भी उनके परिजनों या वकील से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है। आरएसएफ के मुताबिक, मौजूदा वक्त में करीब 57 पत्रकार म्यांमार में कैद हैं। विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में म्यांमार कुल 180 देशों में से 140 वें स्थान पर है। यह सूचकांक आरएसएफ ने 2021 की शुरुआत में प्रकाशित किया था।