गावस्कर ने कहा कि जब भारतीय टीम 36 रन पर आलआउट हो गई थी तब शास्त्री ने जिस तरह से खिलाड़ियों को प्रेरित किया वो गजब का था। इतन कम स्कोर के बाद भी टीम इंडिया ने जिस तरह से वापसी की वो शानदार था।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। रवि शास्त्री के टीम इंडिया के हेड कोच रहते भारतीय टीम ने कई सफलता हासिल की। हालांकि इस दौरान टीम इंडिया ने कोई भी आइसीसी खिताब अपने नाम नहीं किया, लेकिन क्रिकेट की तीनों प्रारूपों में इस टीम का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। टी20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद उनका कार्यकाल बतौर हेड कोच खत्म हो गया था और अब वो टीम के साथ नहीं हैं। अब टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने बताया कि उनके हेड कोच रहते भारतीय टीम की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या रही।
गावस्कर ने रवि शास्त्री के कोंचिंग काल की सबसे बड़ी हाईलाइट के बारे में बात करते हुए साल 2020-21 के आस्ट्रेलिया दौरे को याद किया। इस दौरे पर भारतीय टीम एडिलेड टेस्ट मैच में (डे-नाइट) पहली पारी में सिर्फ 36 रन पर आलआउट हो गई थी, लेकिन फिर से जिस तरह से इस टीम ने वापसी की और टेस्ट सीरीज भी जीती वो कमाल का था। गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स पर बात करते हुए कहा कि शास्त्री ने जिस तरह के भारतीय खिलाड़ियों को मोटिवेट किया वो कमाल का था।
गावस्कर ने कहा कि जब भारतीय टीम 36 रन पर आलआउट हो गई थी तब शास्त्री ने जिस तरह से खिलाड़ियों को प्रेरित किया वो गजब का था। इतन कम स्कोर के बाद भी टीम इंडिया ने जिस तरह से वापसी की और फिर सीरीज में जीत दर्ज की उस पर चर्चा जरूर की जानी चाहिए। अमूमन इस तरह की स्थिति में आने के बाद टीम अपना विश्वास खो देती है, निराश हो जाती है और वो हार मान लेती है। मैंने कहीं पढ़ा था कि शास्त्री ने भारतीय टीम से कहा था कि इस 36 रन के स्कोर को एक बैज की तरह से पहनो।
गावस्कर ने कहा कि कोहली पहले मैच के बाद चले गए थे और फिर अजिंक्य रहाणे ने कप्तानी की थी। रहाणे की कप्तानी शानदार रही थी और खिलाड़ियों ने भी बेहतरीन योगदान दिया था। एक वक्त ऐसा भी आया जब कई मुख्य भारतीय खिलाड़ी टीम में नहीं थे, लेकिन उनके नहीं रहते हुए युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन दमदार रहा था और टीम को टेस्ट सीरीज में जीत मिली थी। इस जीत से पता लगता है कि रवि शास्त्री पर टीम के युवा खिलाड़ियों का कितना ज्यादा प्रभाव था।