दारोगा ने गैर इरादेतन हत्या के मुकदमे को एक्सीडेंटल बना दिया। जिन तीन आरोपितों को नामजद किया गया था। उसमे से एक युवक को एक्सीडेंट की धारा में जेल भेज दिया। गांव पीकी में बुजुर्ग की टक्कर मारकर की थी हत्या। तीन युवकों को कराया नामजद दो के निकाले नाम।
सहारनपुर, कहावत है कि पुलिस रस्सी का सांप बना देती है। इस कहावत को देहात कोतवाली के एक दारोगा ने चरितार्थ साबित किया है। दारोगा ने एक गैर इरादेतन हत्या के मुकदमे को एक्सीडेंटल बना दिया। जिन तीन आरोपितों को नामजद किया गया था। उसमे से एक युवक को एक्सीडेंट की धारा में जेल भेज दिया। जबकि दो युवकों को बेकसूर साबित करते हुए मुकदमे से निकाल दिया। पीड़ित परिवार ने एसपी सिटी से गुहार लगाई है। मामला एसएसपी तक पहुंचा तो उन्होंने पूरे मामले में जांच बैठा दी है।
यह है मामला
दरअसल, देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव पीकी निवासी रामकुमार ने बताया कि करीब एक माह पूर्व उसके पिता बाबूराम की रंजिशन बाइक से टक्कर मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद देहात कोतवाली में रामकुमार ने अपने गांव के ही आजम, राशिद और उस्मान नाम के युवकों के खिलाफ धारा 304 (गैर इरादेतन हत्या) में मुकदमा दर्ज कराया था। रामकुमार का कहना है कि आरोपित उसके पिता से रंजिश रखते थे, क्योंकि डेढ़ माह पूर्व तीनों आरोपितों ने बाइक से टक्कर मारकर उनकी तीन बकिरयों को मार दिया था। जिसके बाद गांव में एक पंचायत हुई और तीनों युवकों से 25 हजार रुपये पंचायत ने वसूले थे। इसी कारण तीनों आरोपित बाबूराम से रंजिश रखते थे। आरोप है कि एक माह पहले रंजिशन उसके पिता को बाइक से तीनों ने टक्कर मारी और मौत के घाट उतार दिया। दारोगा ने मुकदमे से उस्मान और राशिद का नाम निकाल दिया। जबकि आजम को हादसे की धारा में जेल भेज दिया।हिंदू युवा वाहिनी करेंगे आंदोलनहिंदू युवा वाहिनी के मंडल प्रभारी मानवेंद्र चौहान ने बताया कि पीकी गांव में जब यह घटना हुई, जब मामला दो संप्रदाय से जुड़ गया था। दारोगा ने दूसरे समुदाय के लोगों को बचाकर गलत किया है। उनका कहना है कि यदि एसएसपी ठोस कार्रवाई नहीं करते हैं तो वह बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। लखनऊ तक मामला ले जाया जाएगा। दारोगा पर मेहरबान है अधिकारीदरअसल, इस दारोगा को देहात कोतवाली से लाइन हाजिर कर दिया था, क्योंकि दारोगा का आम जनता के प्रति व्यवहार अच्छा नहीं था। मात्र 24 घंटे के अंदर इस दारोगा को फिर से एक थाने का एसएसआइ बना दिया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि दारोगा ने एक बड़े अधिकारी से सिफारिया लगवाई थी।
यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। जांच करा रहा हूं। यदि ऐसा हुआ है तो दारोगा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– आकाश तोमर, एसएसपी