कच्‍चे तेल की कीमत बनी ऑयल कंपनियों के लिए सिरदर्द, 7 साल में सबसे ज्‍यादा,

यूक्रेन और रूस में तनाव के बीच गुरुवार को वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव बढ़कर 90.02 डॉलर प्रति बैरल हो गया। गौरतलब है कि रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है।

 

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। उत्तर प्रदेश, उत्‍तराखंड, पंजाब जैसे राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड 83 दिन से स्थिर हैं, जबकि इस बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 7 साल में पहली बार 90 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है। यूक्रेन और रूस में तनाव के बीच गुरुवार को वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव बढ़कर 90.02 डॉलर प्रति बैरल हो गया। गौरतलब है कि रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है और आशंका जताई जा रही है कि वह यूरोप के लिए ऊर्जा आपूर्ति को बाधित कर सकता है।

विश्लेषकों का अनुमान है कि ओमिक्रोन के कमजोर असर के कारण कच्चे तेल में कीमतों में तेजी बनी रहेगी। दूसरी ओर घरेलू बाजार में ईंधन की कीमतों में पिछले 83 दिन से कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि ये सीधे अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों से जुड़ी हुई हैं। कीमतों में स्थिरता के लिहाज से यह अबतक की सबसे लंबी अवधि है। इससे पहले 2020 में लगातार 82 दिन तक कीमतों में बदलाव नहीं हुआ था। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 86.67 रुपये प्रति लीटर है।

पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के अनुसार भारत द्वारा खरीदे जाने वाले कच्चे तेल की औसत कीमत 26 जनवरी को 88.23 डॉलर प्रति बैरल थी। पीपीएसी के अनुसार, यह आंकड़ा अक्टूबर, 2021 में 74.85 डॉलर प्रति बैरल, नवंबर में 74.47 डॉलर प्रति बैरल और दिसंबर में 75.34 डॉलर प्रति बैरल था।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 2014 के बाद सबसे अधिक है। उद्योग सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे और इससे पहले ईंधन की कीमतों में वृद्धि की संभावना नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *