इयान चैपल ने कोहली की कप्तानी कार्यकाल के बारे में बात करते हुए कहा कि वि कप्तान विराट कोहली कप्तान के रूप में असाधारण थे। उन्होंने कहा कि कोहली ने टीम को अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ नेतृत्व करते हुए अपने उत्साह पर कभी अंकुश नहीं लगाया।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। विराट कोहली ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में मिली 1-2 से हार के बाद भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ दी थी। विराट कोहली द्वारा लिए गए इस अचानक फैसले ने क्रिकेट बिरादरी और फैंस को पूरी तरह से स्तब्ध कर दिया था। कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की थी और इसमें से 40 मैचों में जीत दर्ज की थी। कोहली ने टेस्ट कप्तानी का अंत भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान के तौर पर की। विराट की कप्तानी में भारतीय टेस्ट टीम ने ऐसी जगहों पर जीत दर्ज की जहां इसे मुमकिन नहीं माना जाता था।
विराट ने जिस तरह का एटिट्यूड टीम के अंदर लाया साथ ही जिस तरह से बेंच मार्क सेट किए उसे लेकर कई दिग्गजों ने उनकी खूब तारीफ की है। अब पूर्व आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज इयान चैपल ने इस बल्लेबाज के कप्तानी कार्यकाल के बारे में बात करते हुए कहा कि वि कप्तान विराट कोहली कप्तान के रूप में असाधारण थे। उन्होंने कहा कि कोहली ने टीम को अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ नेतृत्व करते हुए अपने उत्साह पर कभी अंकुश नहीं लगाया।
चैपल ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो पर बात करते हुए कहा कि कोहली की महान उपलब्धियों में से एक उनकी टीम में टेस्ट क्रिकेट के लिए लालसा पैदा करना था। अपनी व्यापक सफलता के बावजूद कोहली का मुख्य मकसद टेस्ट एरिना में जीत हासिल करना था और यहीं से उनका जुनून चमक उठा था। इसमें कोई शक नहीं है कि कोहली ने अपने खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दी, लेकिन ये भी साफ था कि उन्होंने प्रतिस्पर्धा का आनंद लिया और सफलता चाहते थे।
चैपल ने कहा कि कोहली ने कई व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल की, लेकिन रिषभ पंत को विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में जिस तरह से आगे वो लेकर आए वो सबसे बड़ा विकास था। जब सेलेक्शन की बात आती थी तब विराट कोहली अपना रास्ता खोज लेते थे। हालांकि उनके कुछ फैसले संदिग्ध होते थे, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि रिषभ पंत का लगातार समर्थन करना उनका एक मास्टर स्ट्रोक था।