लखीमपुर दुधवा नेशनल पार्क में टेरेसा नामक हथिनी के एक बच्चे का नामकरण करने के लिए लोगों से आनलाइन सुझाव मांगा गया था। इंटरनेट मीडिया पर लोगों ने करीब 150 नाम सुझाए थे। तीन फरवरी को सलूकापुर बेसकैंप में उसका नामकरण किया गया।
लखीमपुर । कर्नाटक से लाई गई हथिनी टेरेसा के बच्चे को मसककली नाम दिया गया है। उसके नामकरण व पहली वर्षगांठ पर हाथियों ने जमकर दावत उड़ाई। चार वर्ष पहले कर्नाटक के बांदीपोर पार्क से 10 हाथियों को दुधवा लाया गया था। उनमें से टेरेसा नामक हथिनी ने सालभर पहले एक बच्चे को जन्म दिया था। उसका नामकरण उस समय न करके उसके नाम के लिए लोगों से आनलाइन सुझाव मांगा गया था। इंटरनेट मीडिया पर लोगों ने करीब 150 नाम सुझाए थे।
पार्क अधिकारियों का कहना था वरिष्ठ अधिकारियों के सुझाव से उसका नाम रखा जाएगा लेकिन, प्रक्रिया में देर होने व टेरेसा के बच्चे की वर्षगांठ आ जाने पर उसी दिन उसका नामकरण करने का निर्णय लिया गया। तीन फरवरी को सलूकापुर बेसकैंप में उसका नामकरण किया गया और उसे मसककली नाम दिया गया। इस मौके पर मसककली के लिए केक भी काटा गया और पार्क के हाथियों की दावत भी हुई, जिसमें सभी ने छककर फल, हरी सब्जी व गन्ने की दावत उड़ाई।
मसककली को उसका नाम पार्क के उपनिदेशक कैलाश प्रकाश ने दिया। पार्क के उपनिदेशक कैलाश प्रकाश ने बताया कि पहले ही मसककली का नामकरण करने का प्रयास किया गया था, लेकिन बात बन नहीं पाई थी। इस बीच उसकी वर्षगांठ आ गई तो उसी दिन नामकरण करने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम में फील्ड निदेशक संजय पाठक भी आनलाइन शामिल हुए थे। फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक का कहना है कि मसककली नाम सबको पसंद आया, इसलिए एपीसीसीएफ की अगुवाई वाली कमेटी ने भी मुहर लगा दी। दुधवा में नामकरण का दिन बेहद खुशगवार रहा।